लखनऊ - केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन के अध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने बताया कि वर्ष 2025 तक देश को टी.बी. से मुक्त करना है। उप्र के टी.बी. उन्मूलन की स्टेट टास्क फोर्स के चेयरमेन डा. सूर्यकान्त ने बताया कि टी.बी. रोगियों को गुणवत्तापरक उपचार देकर पूर्ण स्वस्थ्य करने के लिए उप्र के सभी जनपदों के जिला अस्पतालों, नगरीय एवं समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर पर हर माह की 15 तारीख को निःक्षय दिवस मनाने का आदेश उप्र के मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया है, इसी क्रम में वृहस्पतिवार को केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में प्रथम टी.बी. दिवस (निःक्षय दिवस) मनाया गया। टी.बी. दिवस पर विभाग की ओ. पी.डी. में आये एवं भर्ती मरीजों, उनके तीमारदारों को टी.बी.की बीमारी के प्रति जागरूक किया गया।
इस अवसर पर डा. सूर्यकान्त ने लोगों को बताया कि दुनिया में प्रतिवर्ष एक करोड़ टी.बी. के नये रोगी होते है, जिनमें से 28 लाख भारत के होते है तथा इनमें ये उप्र में लगभग पांच लाख होते हैं। इस तरह दुनिया में टी.बी. का हर चौथा रोगी भारतीय और भारत का हर पांचवा टी.बी. रोगी उप्र का होता है। भारत से टी.बी. समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 का लक्ष्य रखा है, 9 सितम्बर 2022 को राष्ट्रपति ने ’’टी.बी. मुक्त भारत अभियान’’ प्रारम्भ किया है। डा. सूर्यकान्त ने बताया कि उप्र की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल द्वारा टी.बी. रोगियों को गोद लेने का कार्यक्रम उप्र में पहली बार प्रारम्भ किया गया था, जो अब एक राष्ट्रीय कार्यक्रम बन चुका है।
इस कार्यक्रम में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डा. संतोष कुमार, डा. अजय कुमार वर्मा, डा. अंकित कुमार, डा. ज्योति बाजपेई ,रेजिडेंट डाक्टर्स, स्टॉफ नर्स, डाट्स एवं डाट्स प्लस के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।