- संकेतकों पर खरे उतरने वाले जिलों को किया जाएगा सम्मानित
लखनऊ - देश को वर्ष 2025 तक क्षय (टीबी) मुक्त बनाने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में सब नेशनल सर्टिफिकेशन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसी क्रम में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 20 जिलों में यह प्रक्रिया सोमवार से शुरू की गयी है। इन जिलों में टीबी को लेकर चल रहे प्रयासों और उनके नतीजों को बारीकी से परखा जा रहा है। क्षय उन्मूलन के संकेतकों (इंडीकेटर) पर खरे उतरने वाले जिलों को स्वर्ण (गोल्ड), रजत और कांस्य की श्रेणी में स्थान दिया जायेगा। पिछले वर्ष प्रदेश के 10 जिलों में यह सर्वे किया गया था, जिनमें एक को स्वर्ण, एक को रजत और छह को कांस्य की श्रेणी में स्थान मिला था।
राज्य क्षय नियन्त्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि इस सर्वे के तहत सेंट्रल टीबी डिवीजन के माध्यम से इन 20 जिलों के 10-10 गाँवों को चिन्हित किया गया है। इन गाँवों में सेंट्रल टीबी डिविजन की देखरेख में डिस्ट्रिक्ट लेवल एनुवल सर्वे (डीएलएएस) के वालंटियर्स के सहयोग से सर्वे अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान टीम टीबी जांच की सुविधा, मरीजों के नोटिफिकेशन (सरकारी/प्राइवेट), टीबी मरीजों की एचआईवी जाँच, निक्षय पोषण योजना के तहत भुगतान की स्थिति, प्राइवेट ड्रग सेल और मरीजों की संख्या में आ रही कमी की दर को बारीकी से परख रही है। टीम को मदद करने वाले वालंटियर्स को जिला स्तर पर प्रशिक्षित किया गया है। जिला स्तरीय इस वार्षिक सर्वेक्षण में संभावित मरीजों के बलगम की नैट पर उसी दिन जांच कराई जा रही है। सर्वे में जिन गाँवों में पिछले वर्षों में एक भी टीबी मरीज नहीं पाए गए हैं, उनको टीबी मुक्त गाँव में शामिल किया जाएगा। सर्वे रिपोर्ट को इन्डियन एसोसिएशन ऑफ़ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आईएपीएसएम) और डब्ल्यूएचओ इण्डिया के सहयोग से इन्डियन काउन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा इसका सत्यापन किया जाएगा। विश्व क्षय रोग दिवस- 24 मार्च 2023 पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के दौरान सफल जिलों को सम्मानित किया जाएगा।
इन जिलों में चल रहा सर्वे : बागपत, बाराबंकी, बलरामपुर, बुलंदशहर, चंदौली, हापुड़, जालौन, जे.पी. नगर, कौशाम्बी, ललितपुर, महराजगंज, मुजफ्फरनगर, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, संत रविदासनगर, संभल, शामली, सोनभद्र और उन्नाव ।