- टीबी से बचना है तो पोषण का रखें खास ख्याल : डॉ. सूर्यकान्त
लखनऊ - किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ .सूर्यकान्त के निर्देशन में रविवार को “निक्षय दिवस” का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर डॉ. सूर्यकान्त ने रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में भर्ती रोगियों के परिजनों को संबोधित करते हुए कहा कि टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए सभी को अपना योगदान देना होगा, जिस किसी को भी दो हफ्ते से ज्यादा खांसी हो , खांसी में खून आता हो, बुखार बना रहता हो, भूख कम लगती हो , वजन कम हो गया हो या बच्चे का विकास न हो रहा हो, बच्चे के गर्दन में गिल्टी हो तो उसको पास के सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच करानी चाहिए। सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध है । इसके साथ ही निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत इलाज के दौरान 500 रुपए प्रति महीना पोषण भत्ता भी टीबी के रोगी को दिया जाता है । अतः सभी से अपील है कि ऐसा कोई व्यक्ति आपके घर परिवार, रिश्तेदार, आस-पड़ोस या कार्यालय में हो तो उसको पास के सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच कराएं और टीबी पाए जाने पर इलाज कराएं ।
उत्तर प्रदेश टीबी उन्मूलन की स्टेट टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ सूर्यकान्त ने बताया कि धूम्रपान करने वालों या अन्य कोई नशा करने वालों तथा कुपोषण के शिकार व्यक्तियों को टीबी होने का खतरा ज्यादा रहता है! ऐसे लोग जो घनी बस्ती में रहते हैं,जहां सीलन ज्यादा रहती है, सूर्य का प्रकाश एवं शुद्ध वायु नहीं मिल पाती है उनको भी टीबी होने का खतरा ज्यादा रहता है । जो व्यक्ति तनाव में जीते हैं उनको भी टीबी होने का खतरा ज्यादा होता है । वह लड़कियां जिनकी कम उम्र में शादी हो जाती है तथा ज्यादा और जल्दी-जल्दी जिनके बच्चे होते हैं उनको भी टीबी होने का खतरा ज्यादा रहता है । टीबी का इलाज डॉक्टर की सलाह से उचित समय तक लेना चाहिए, उसको बीच में नहीं बंद करना चाहिए। टीबी के रोगी को खांसते समय अपने नाक और मुंह को ढक कर रखना चाहिए। इसके साथ ही डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि मास्क का प्रयोग करने से भी टीबी संक्रमण का खतरा कम हो जाता है । अतः टीबी से बचने के लिए टीबी रोगियों का समुचित इलाज किया जाना चाहिए , मास्क का प्रयोग करें, अपने पोषण का ध्यान रखें , संतुलित आहार का सेवन करें, फास्ट फूड से बचें, धूम्रपान या अन्य नशे का प्रयोग न करें।