- जनपद में विटामिन ए की दवा पिलाने का बढ़ा ग्राफ
- बच्चों को विटामिन की ए दवा पिलाए, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
- आहार में शामिल करें विटामिन ए वाले पदार्थ
कानपुर नगर - विटामिन की कमी से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा आती है। विटामिन की कमी सीधे नहीं उभरती है, लेकिन धीरे धीरे इसका असर दिखाई देता है। बच्चों में नजर के के चश्मे लगना भी विटामिन ए की कमी का एक मुख्य लक्षण है। इसलिए जरूरी है कि विटामिन ए की कमी को दूर किया जाए। कानपुर जनपद में 9 माह से 35 माह तक के बच्चों को विटामिन ए की डोज देने का प्रतिशत बढ़ा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे - 4 (एनएफएचएस) 2015-16 में इस आयु वर्ग में 32.0 प्रतिशत बच्चों को विटामिन ए दे जाती थी। जबकि एनएफएचएस 2019-21 में यह प्रतिशत बढ़कर 81.6 प्रतिशत हो गया है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके कन्नौजिया का कहना है कि शिशु की विटामिन ए की जरूरत को कई तरह के खाद्य पदार्थों से पूरा किया जा सकता है।विटामिन ए एक ऐसा जरूरी विटामिन है जो शरीर खुद नहीं बना सकता है। इसलिए आहार में विटामिन ए युक्त चीजों को शामिल करना जरूरी है। दिल, फेफड़ों, किडनी और अन्य अंगों के कार्य में विटामिन ए मददगार है। उन्होंने बताया की 28 दिसंबर से बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने का अभियान चल रहा है। उन्होंने अपील की कि अपने नौ माह से 5 साल तक के बच्चों को इसका सेवन ज़रूर करवायें।
उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ जसबीर सिंह का कहना है कि हर बच्चे को अलग मात्रा में विटामिन ए की जरूरत होती है। हालांकि, उम्र के आधार पर यह निर्णय लिया जा सकता है कि बच्चे को कितनी मात्रा में विटामिन ए चाहिए।
इनमें मिलता है भरपूर विटामिन ए : उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी बताते है कि शरीर को विटामिन ए देने के लिए डाइट में शलजम, टमाटर, मटर, ब्रोकली, कद्दू, चुकंदर, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां, गिरिकंद, साबुत अनाज, सोयाबीन, पालकर, दूध, राजमा, बींस, पनीर, सरसों, चीके, तरबूत, पपीता, आम आदि का सेवन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इनमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में इसकी पूर्ति करता है। कई तरह खाद्य पदार्थों में विटामिन ए होता है। हरी पत्तेदार सब्ज्यिों या गहरे लाल या संतरी रंग की सब्जियों में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए होता है। इसलिए ही बच्चों को पालक खिलाने की सलाह दी जाती है। गाजर में भी विटामिन ए पाया जाता है। इसमें बीटा कैरोटीन होता है। आप रोज सलाद में गाजर खा सकते हैं।
बच्चों में विटामिन ए की कमी से रतौंधी का खतरा : जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. शिव का कहना है कि संतुलित आहार की कमी या लिवर से जुड़े विकारों के कारण विटामिन ए की कमी हो सकती है। यदि गंभीर रूप से विटामिन ए की कमी हो तो आंखों में धुंधलापन, तेज रोशनी से आंखें चुंधियाना, आंखों के सफेद हिस्सों पर पैचेज, रात में दिखाई न देना, आंखों में गंभीर रूप से ड्राईनेस जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। बच्चे में विटामिन ए की कमी के संकेत दिखने पर बाल रोग चिकित्सक को दिखाएं।