लखनऊ, 8 जुलाई 2019-एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत सोमवार को जिले के 310 एएनएम सब सेंटर पर किशोरी दिवस मनाया गया |जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेन्द्र दुबे ने बताया कि किशोरी दिवस पर सभी एएनएम सब सेंटर पर 11-14 साल की किशोरियों का वजन,ऊँचाई एवं स्वास्थय की जांच की गयी | इनमें उन किशोरियों की दोबारा भी जांच की गयी जिनकी जांच विगत 8 मार्च को मनाये गए किशोरी दिवस के दिन की गयी थी | जिन किशोरियों को चिन्हित किया गया उन्हें आयरन की गोलियां दी गयी व उन गोलियों का नियमित रूप से सेवन करने की सलाह दी गयी | इसके अतिरिक्त पौष्टिक खान पान के बारे में बताया गया । इसके साथ ही साथ पोषाहार भी बांटा गया |
मोहनलाल ब्लॉक के केवली, गौरा टिकरा मस्तीपुर सहित 50 ए.एन.एम. सब सेंटर्स पर किशोरियों की लम्बाई, वजन व् स्वास्थय की जाँच की गयी | मोहनलालगंज ब्लॉक की बाल विकास परियोजना अधिकारी सरोज पाण्डेय ने किशोरियों को सवास्थ्य सम्बन्धी परामर्श देते हुए कहा कि किशोरियां स्वयं व उनके परिवार वाले भी कुपोषण की स्थिति पर ध्यान नहीं देते हैं जबकि कुपोषण की स्थिति का होना सही नहीं है क्योंकि भविष्य में यही किशोरी आगे चलकर माँ बनती है | उन्होने कहा आयरन की गोलियों का सप्ताह में सेवन जरूर करना चाहिए | इन गोलियों को पानी व दूध के साथ लेने के बजाय नीम्बू पानी, संतरा , आंवला या विटामिन सी युक्त पदार्थों के साथ लेना चाहिए ताकि आयरन का अवशोषण अधिक हो सके |
क्वीन मेरी अस्पताल की मुख्य चिकित्सधीक्षिका एवं महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.पी.जैश्वार से किशोरावस्था के दौरान पोषण के बारे में बात की तो उन्होने बताया कि किशोरियों में इस आयु में पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता अधिक होती है क्योंकि इस दौरान संतुलित पोषक आहार का सेवन शरीर को आने वाले समय में गंभीर बीमारियों जैसे कि हड्डियों की कमजोरी, मोटापा, हृदय रोग, बाद में जीवन में डायबिटीज़ होने से बचाता है | इस अवस्था में स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक भोजन ही करना चाहिए | पौष्टिक भोजन का मतलब महंगा भोजन नहीं है | इसका मतलब होता है कि हम अपने घर व गाँव के आस-पास स्थानीय खाद्य पदार्थ जो भी आसानी से उपलब्ध हैं, उनका सेवन करें | हमें अपने भोजन में कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, खनिज पदार्थ, विटामिन, रेशेयुक्त पदार्थ(दाल,चावल,रोटी,मौसमी सब्जियां व फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध व् दूध से बने पदार्थ, अंडे, मीट आदि ) व् पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए | इसके साथ ही साथ सरकार द्वारा मिलने वाली आयरन की नीली गोलियों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए | सही पोषण से शरीर स्वस्थ रहता है, शारीरिक परिपक्वता लाने में मदद करता है, रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है और शारीरिक और मानसिक विकास होता है | यदि हम जंक फ़ूड का जैसे पिज़्ज़ा, बर्गर, चोकलेट, चिप्स , कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन करते हैं तो यह स्वादिष्ट तो होते हैं लेकिन पौष्टिकता के नाम पर इनमें कुछ भी नहीं होता है | जंक फ़ूड का सेवन करने से वजन में वृद्धि,मोटापा, माहवारी अनियमितता व पौली सिस्टिक सिंड्रोम (पीएसओएस) की समस्या होती है | पौष्टिक भोजन का सेवन न करने से चक्कर आते हैं, जल्दी ही थकान आ जाती है, बार-बार बीमार पड़ते हैं, शरीर कमजोर पड़ जाता है व सुन्दरता तथा आकर्षण में कमी आती है |
डॉ. जैश्वार ने बताया कि किशोरावस्था में लड़कियों को अतिरिक्त आयरन की आवश्यकता होती है ताकि माहवारी के दौरान होने वाली खून की कमी की पूर्ति की जा सके | आयरन की कमी होने का एक मुख्य कारण पेट में कीड़े भी होना है | अतः इसे रोकने के लिए अल्बेंडाज़ोल की गोली हर छः माह पर खानी चाहिए | हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है |