महिलाएं आगे लेकिन पुरुषों की भागेदारी बढ़ी-जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन



लखनऊ, 30 जुलाई 2019- जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान गत वर्ष की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक पुरुषों ने नसबंदी करवाई। वहीं परिवार नियोजन के लिए आजकल अधिकांश दंपति को अस्थाई साधन पसंद आ रहे हैं। यह कहना है महानिदेशक परिवार कल्याण, डॉक्टर नीना गुप्ता का। डॉक्टर गुप्ता मंगलवार को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रहीं थीं।  “परिवार नियोजन से निभायें ज़िम्मेदारी, मां और बच्चे के स्वास्थ्य की पूरी तैयारी“ विषय पर जानकारी देते हुये उन्होने बताया, जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान गत वर्ष 940 पुरुषों के मुक़ाबले इस बार 27 प्रतिशत वृद्धि के साथ 1190 पुरुषों ने नसबंदी अपनाई।कार्यशाला में उन्होने बताया जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान 2.11 लाख  दंपति ने परिवार नियोजन के आधुनिक साधन अपनाए। इसमें 13,672 दंपति ने स्थायी साधन और लगभग 2 लाख ने परिवार नियोजन के अस्थाई साधन अपनाए।

डॉ. नीना ने बताया पखवाड़ा के दौरान प्रदेश की 12,482  महिलाओं ने नसबंदी अपनाई। जबकि 1190 पुरुषों ने नसबंदी करवाई। वहीं 65,887 ने आईयूसीडी और 21,746 ने पीपीआईयूसीडी अपनाई। वहीं पूरे प्रदेश में 34.54 लाख  कंडोम और 4.38 लाख माला-एन वितरित किए गए। पखवाड़ा के दौरान 46,042 महिलाओं ने अंतरा डोज़ लिया। वहीं 24 जुलाई तक 4.38 लाख  माला-एन, 93,639 छाया और एक लाख से अधिक ईसीपी पिल्स वितरित की गई।

डॉक्टर वीरेंद्र सिंह, संयुक्त निदेशक, परिवार कल्याण ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि मीडिया के जरिये परिवार नियोजन पर लोगों के बीच काफी जागरुकता बढ़ी है। इस तरह की कार्यशाला से परिवार नियोजन की योजनाओं को और बल मिलेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उप महाप्रबंधक, परिवार नियोजन डॉक्टर पंकज सक्सेना ने कहा कि सीफार के सहयोग से परिवार नियोजन समेत सभी स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी प्रदेश के सभी जिलों में लगातार मीडिया से साझा की जा रही है।

कार्यशाला के दौरान महाप्रबंधक, परिवार नियोजन, यूपीएनएचएम डॉक्टर अल्पना शर्मा ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उन्होने स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियों और उपलब्धियों पर एक प्रस्तुति दी। इस अवसर पर परिवार नियोजन पर कार्य करने वाली 10 से अधिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
 
महिलाओं को भा रहे आधुनिक साधन- परिवार नियोजन के लिए मौजूद आधुनिक साधनों में ज़्यादातर लोगों को अस्थाई साधन पसंद आ रहा है। इन अस्थाई साधनों में इंट्रायूटेराइन कनट्रासेपटिव्स डिवाइस (आईयूसीडी), पोस्टपार्टम इंट्रायूटेराइन कनट्रासेपटिव्स डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), अंतरा, कंडोम, ओरल कनट्रासेपटिव्स पिल्स (ओसीपी) और छाया आते हैं।

अंतरा को वर्ष 2017-18 में जहां 23,217 महिलाओं ने स्वीकारा वहीं वर्ष 2018-19 में 602 % वृद्धि के साथ 1.62 लाख महिलाओं ने इसे तरजीह दी। अंतरा से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर पर 18001033044 संपर्क कर सकते हैं। अस्थाई साधन छाया को जहां वर्ष 2017-18 में 2.12 लाख से अधिक महिलाओं ने अपनाया वहीं वर्ष 2018-19 में 24 % वृद्धि के साथ 2.63 लाख महिलाओं के लिए यह पसंदीदा साधन बना।