लखनऊ 05 अगस्त,2019-विश्व स्तनपान सप्ताह’ पिछले 28 वर्षों से विश्व के 170 देशों में मनाया जा रहा है | आकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में सिर्फ 25 प्रतिशत महिलाएं ही प्रसव के एक घंटे के भीतर स्तनपान करा पाती हैं और सिर्फ 41 प्रतिशत पहले 6 माह तक अनन्य स्तनपान (एक्सक्लूसिव ब्रैस्टफीडिंग) कराती हैं | इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में इंडियन अकादमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स की लखनऊ शाखा के अध्यक्ष डॉ. अनूप बाजपाई ने एक संगोष्ठी में जानकारी दी | संस्था के सचिव डॉ. अभिषेक बंसल के अनुसार 1 से 7 अगस्त तक मनाये जाने वाले विश्व स्तनपान सप्ताह के माध्यम से बालरोग विशेषज्ञ समाज को स्तनपान की उपयोगिता के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं | डॉ उत्कर्ष बंसल के अनुसार "हर माँ का शिशु को वरदान, स्तनपान है अमृतपान" एवं डॉ उत्कर्ष बंसल ने इसकी महत्ता के बारे में विस्तार से जानकारी दी | माँ का दूध शिशु के विकास के लिए सभी पोषक तत्व युक्त, साफ़, हमेशा उपलब्ध, उचित तापमान पर, रोग-प्रतिरोधकक्षमता बढाने, दिमागी विकास करने और भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाव देने वाला होता है | नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद, आधे घंटे के अन्दर माँ का पीला गाढ़ा दूध पिलाना बहुत जरूरी है, इसके कम मात्रा में होने के बावजूद इसमें शिशु के लिए बीमारियों से लड़ने की शक्ति और उचित पोषण होता है |
छ: माह के बाद भी स्तनपान कमसेकम 2 वर्ष तक जारी रखते हुए घर का बना पूरक आहार खिलाना आरम्भ कर देना चाहिए | स्तनपान करने वाले बच्चे स्वस्थ रहते हैं और कम बीमार पड़ते हैं |