- टीबी उन्मूलन में सहयोग के लिए स्थापित होगा यूपी टीबी एलिमिनेशन फोर्स
कानपुर नगर - टीबी उन्मूलन में सहयोग के लिए टीबी बीमारी से स्वस्थ हो चुके लोगों का एक नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है जिसे यूपी टीबी एलिमिनेशन फोर्स का नाम दिया गया है । जनपद के जिला क्षयरोग केंद्र में मंगलवार को इसका शुभारंभ कर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एपी मिश्रा ने किया। उन्होंने बताया कि यह टीबी नेटवर्क समस्त जनपदों का एक राज्यस्तरीय नेटवर्क होगा जिसमें टीबी से ठीक हो गए मरीजों को शामिल किया जाएगा । इसमें वह मरीज जो अपना पूर्ण इलाज कर स्वस्थ हो चुके हैं और टीबी उन्मूलन में सहयोग करना चाहते हैं वह इस नेटवर्क से जुड़ सकते हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि जनपद में लगभग 8000 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से कई ऐसे मरीज हैं जिन्हें यह भरोसा दिलाना जरूरी है कि वह इलाज से स्वस्थ हो सकते हैं। इसके लिए यूपी टीबी एलिमिनेशन फोर्स बनाया गया है । इसमें टीबी बीमारी से स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों का एक नेटवर्क होगा जो इलाजरत मरीजों की शंकाओं को दूरकर उन्हें निरंतर दवाओं के सेवन के लिए प्रेरित करेगा । इसके लिए उन्हें संस्था वर्ड विजन इंडिया के सहयोग से प्रशिक्षित कर टीबी चैंपियन का दर्जा दिया जाएगा । उन्होंने बताया कि जनपद के समस्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 2 - 2 टीबी चैंपियंस की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। इस प्रयास से जहां एक ओर दूर-दराज इलाकों में टीबी कार्यक्रमों की पहुंच बढ़ेगी वहीं चैंपियंस ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों तक पहुंच कर उनकी मदद कर सकेंगे। नेटवर्क से जुड़ने के लिए नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से संपर्क किया जा सकता है ।
ऐसे मिलेगी मदद : जिला कार्यक्रम समन्वयक राजीव सक्सेना ने बताया टीबी मरीजों का बीच में इलाज बंद करने के अलग अलग कारण होते हैं। कुछ मरीज भ्रांतियों के चलते दवाएं बंद कर देते हैं। वहीं कुछ मरीज आराम मिलने पर दवाओं का पूरा कोर्स नहीं करते। ऐसे में इलाज करवा रहे सभी टीबी मरीजों से मिलकर उनकी शंकाओं का समाधान करना जरूरी हो जाता है। यूपी टीबी एलिमिनेशन फोर्स ऐसे मरीजों की भ्रांतियों को दूर कर उन्हें नियमित दवाओं के सेवन की अहमियत समझायेंगे।
इस अवसर पर स्टेट टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (एसटीएसयू) के सदस्य शैलेन्द्र उपाध्याय व अभिनव और वर्ल्ड विजन इंडिया के जिला सामुदायिक समन्वयक राम राजीव सिंह एवं जनपद के समस्त टीबी चैंपियन उपस्थित रहे।
यह होगा लाभ :
- टीवी से ग्रसित मरीजों का उपचार पूर्ण करने में सहयोग मिलेगा
- सामुदायिक मीटिंग की संख्या में बढ़ोतरी होने से सामुदायिक जागरूकता बढ़ेगी
- टीबी मरीजों को लेकर भेदभाव में कमी आएगी
- समाज के वंचित, गरीब और दूरदराज इलाकों में टीवी कार्यक्रमों की पहुंच आसान होगी
- इलाजरत मरीजों की शंकाओं को दूर करने में मदद मिलेगी
- टीबी के संभावित मरीजों की जल्द पहचान में मदद मिलेगी