बाल श्रम निषेध दिवस पर वृहद वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित



लखनऊ, 12 जून 2021 - अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर शनिवार को एक वृहद वर्चुअल/ ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के समस्त जिलों से प्रतिभागी जुड़े । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रम एवं सेवायोजन मंत्री, स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा प्रदेश भर के बाल श्रम से सम्बन्धित परिवारों व बाल श्रम पर कार्य कर रहे सरकारी व गैर सरकारी संगठनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाल श्रम प्रदेश सरकार के लिए एक चुनौती है और सभ्य समाज के लिए अभिशाप है। उ0प्र0 सरकार बाल श्रम उन्मूलन हेतु संकल्पित है और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर उनके परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है तथा बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें शिक्षित कराती है।

श्रम एवं सेवायोजन मंत्री ने तत्काल सभी नियोक्ता संगठनों व श्रमिक संगठनों की बाल श्रम विषय पर क्षमतावृद्धि व जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कराये जाने के भी निर्देश दिये। इस अवसर पर मंत्री ने विभिन्न जिलो से बाल श्रम से अवमुक्त कराये बच्चों व उनके अभिभावकों से सीधे संवाद स्थापित किया गया एवं साथ में यह भी घोषणा की गयी कि बाल श्रमिक परिवार के ऐसे सदस्य जो निर्माण श्रमिक की पात्रता रखते हैं, को उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की योजनाओं से जोड़ा जायेगा तथा शेष श्रमिकों को उ0प्र0 सामाजिक सुरक्षा बोर्ड की योजनाओं से जोड़ा जायेगा।इस योजना का शुभारम्भ 07 जून को मुख्यमंत्री द्वारा किया गया है । कार्यक्रम का संचालन सैय्यद रिज़वान अली, राज्य समन्वयक ने किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मोहम्मद मुस्तफा, श्रम आयुक्त, उ0प्र0 द्वारा श्रम मंत्री एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए किया गया एवं उन्होंने अपने स्वागत भाषण विभिन्न योजनाओ के बारें में अवगत कराया तथा नया सवेरा योजना के अन्तर्गत किए जा रहे प्रयासों से भी अवगत कराया।
 
कार्यक्रम में उपस्थित अपर मुख्य सचिव, श्रम, सुरेश चन्द्रा  ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रम विभाग द्वारा प्रदेश में बाल श्रम उन्मूलन हेतु विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के माध्यम से प्रयास किए जा रहे है। उ0प्र0 शासन के निर्देशों के अनुसार सभी जिलाधिकारी प्रत्येक तिमाही में बाल श्रमिकों के चिन्हांकन व उनके पुनर्वासन हेतु विशेष अभियान का संचालन करते है। श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर बाल श्रम से जुड़े विभिन्न स्टेकहोल्डर्स की क्षमतावृद्धि कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है तथा बाल श्रम से सम्बन्धित कानूनों का भी प्रवर्तन किया जाता है।

कार्यक्रम में यूनीसेफ चीफ लखनऊ रूथ लियानो ने कहा बाल श्रम पर हाल के ही विश्व रिपोर्ट यह चेतावनी देती है कि वैश्विक स्तर पर माहमारी के परिणामस्वरूप 2022 के अन्त तक 9 मिलियन अतिरिक्त बच्चों को बाल श्रम में धकेले जाने का खतरा है और यदि महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा उन तक नही पुहंचती है तो यह संख्या और भी बढ़ सकती है। उन्होने आई0एल0ओ0 और यूनीसेफ के ओर से बाल श्रम में वृद्धि की वर्तमान प्रवृत्ति को रोकने का आग्रह किया। लियानो ने सार्वभौमिक बच्चों के हितलाभ, सभी के पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा कोविड-19 के उपरान्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर खर्च में वृद्धि हो और सभी बच्चों को वापस स्कूल में लाना सुनिश्चित हो। बाल श्रम को प्रभावित करने वाले सभी हानिकारक लिंग मानदण्डों/परम्परा एवं भेदभाव का अन्त हो साथ ही बाल संरक्षण प्रणालियों, कृषि विकास, ग्रामीण सार्वजनिक सेवाओं, बुनयादी ढांचे और आजीविका के निवेश में वृद्धि हो।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी प्रसाद मौर्या, मंत्री, श्रम एवं  सेवायोजन, उ0प्र0 सरकार  ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में बाल श्रम उन्मूलन के लिए संकल्पित है तथा हमारा प्रयास है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराये  तथा इसके लिए आवश्यक है कि ऐसे बच्चे जो विभिन्न आर्थिक/परिवारिक कारणों से बाल श्रम में संलिप्त हैं उन्हें बाल श्रम से अवमुक्त कराकर विद्यालयों में प्रवेषित कराये तथा उनके परिवार के वयस्क सदस्यों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित कराये ताकि वह आर्थिक कारणों से अपने बच्चों को कार्य पर न भेजे और उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाये।

श्रम विभाग व सरकार के संज्ञान में यह तथ्य आया कि बहुत से बच्चे ऐसे भी हैं जो अपने परिवार की आय का एक मात्र साधन है। ऐसी स्थिति में यदि वह कार्य पर नही जायेंगे तो उनके घर में भरण पोषण की समस्या आयेगी। इस समस्या को दृष्टिगत रखते हुए गत वर्ष 12 जून को अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर प्रदेश  के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा बाल श्रमिक विद्या योजना का शुभारम्भ किया गया था। जिसमें ऐसे परिवार जो बच्चों की आय पर निर्भर है उन्हें प्रति बालक 1000 प्रति माह व प्रति बालिका 1200 प्रति माह दिया जाता है।

इसी प्रकार प्रदेश के 20 जिलों में यूनीसेफ के सहयोग से नया सवेरा योजना का संचालन किया जा रहा है जो कि समाज के विभिन्न स्टेकहोल्डर्स की सहभागिता से संचालित की जा रही है। नया सवेरा योजना का मुख्य उद्देश्य कामकाजी बच्चों को कार्य से पृथक कर विद्यालयों में प्रवेषित कराना तथा उनके माता-पिता व परिवार के सदस्यों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षाओं की योजनाओं से आच्छादित कराना है।

कार्यक्रम के अन्त में लखनऊ जनपद के ऐसे अभिभावकों को मंत्री, श्रम एवं सेवायोजन द्वारा लाभ वितरित किए गये जिनके बच्चों को बाल श्रम अवमुक्त कराकर उनके परिवार के सदस्योें को उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत किया गया है। जिसमें सुशीला व सुमित्रा देवी को 225000 रू0 व श्रीमती राजकुुमारी, शैल कुमारी शोभावती निर्मला शर्मा, मिथलेश शर्मा को आपदा राहत योजना के अन्तर्गत 1000 रू0 की धनराशि उपलब्ध करायी गयी। इसी तरह से प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस अवसर पर बाल श्रमिक परिवारों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किए गये।

इस अवसर पर अपर श्रमायुक्त उ0प्र0 फैसल आफताब, गौरव कुमार, अभियन्ता विधुत एवं यान्त्रिंक, सैय्यद रिज़वान अली, राज्य समन्वयक द्वारा प्रतिभाग किया गया।