बच्चों के मौलिक अधिकारों में बाधक बनता बालश्रम : ज्योति बाबा



  • बालश्रम उन्मूलन में बड़ी बाधा बनती बढ़ती नशाखोरी
  • बालश्रम ! मानवता के विरुद्ध अपराध

कानपुर 14 जून 2021(न्यूज़ डेस्क) -  बालश्रम प्रथा में एक प्रमुख कारण परिवार के मुखिया का नशाखोर होना भी है क्योंकि नशे के रोग से पीड़ित मुखिया अपनी सारी कमाई शराब नशा जुए में उड़ा देता है परिणाम स्वरूप घर में भुखमरी के कारण बच्चे बाल मजदूरी करने के लिए विवश हो जाते हैं इसीलिए नशा को हर स्तर पर हतोत्साहित करना बाल श्रम उन्मूलन की सशक्त कड़ी है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया व उत्तर प्रदेश वैश्य व्यापारी महासभा के संयुक्त तत्वाधान में नशा हटाओ बाल बंधुआ मजदूरी मिटाओ कोरोना भगाओ बचपन बचाओ अभियान के तहत आयोजित संगोष्ठी शीर्षक क्या बाल बंधुआ मजदूरी बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन है पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरु ज्योति बाबा ने कही |

संगोष्ठी में राष्ट्रीय संरक्षक डॉ आर पी भसीन व डॉ रविंद्र नाथ चौरसिया निवर्तमान अध्यक्ष आईएमए ने कहा कि खतरनाक माहौल में काम करने वाले बच्चों को सांस की बीमारी त्वचा रोग,दमा,टी वी, रीड की हड्डी की बीमारी,कैंसर, कुपोषण,समय से पहले बुढ़ापा इत्यादि घातक बीमारियां होने की संभावना ज्यादा होती है |

इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश गुलहरे ने कहा की 21 वी सदी में भी जब खेलने,कूदने और पढ़ने लिखने की उम्र में लाखों बच्चों को खतरनाक कामों से आय जुटाते देखने पर शर्मिंदगी से सर झुक जाता है l ई-संगोष्ठी का संचालन प्रदेश महामंत्री गणेश गुप्ता द्वारा किया गया व समाजसेवी सुरेश शर्मा सभी को धन्यवाद देकर इस संगोष्ठी को समाप्त किया l संगोष्ठी के दौरान सभी को बालश्रम उन्मूलन हेतु काम करते रहने की ई-शपथ योग गुरु ज्योति बाबा ने दिलाई l

रोहित कुमार,विजय कुशवाहा, उमेश शुक्ला,दिलीप कुमार सैनी,विमल माधव इत्यादि भी इस ई-संगोष्ठी में मौजूद रहे l