- एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकार्ता घर-घर जाकर खिलाएँगी दवा
हरदोई - जनपद में फाइलेरिया से लोगों को सुरक्षित बनाने पर स्वास्थ्य विभाग खास ध्यान दे रहा है | इसी के तहत 12 से 25 जुलाई तक चलने वाले दस्तक अभियान के दौरान फाइलेरिया उन्मूलन अभियान भी चलाया जायेगा और लोगों को बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में जागरूक किया जायेगा | राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि अप्रैल में यह अभियान चलाया जाना था लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण नहीं चल पाया था | अब इसे जुलाई माह में दस्तक अभियान के साथ 12 से 25 जुलाई के मध्य चलाया जायेगा | हर वर्ष सरकार द्वारा फाइलेरिया से बचाव के लिए सामूहिक दवा का सेवन कराया जाता है | सरकार फाइलेरिया उन्मूलन के लिए वचनबद्ध है |
डॉ. धीरेन्द्र ने बताया - स्वास्थ्य , पंचायती राज , शिक्षा, समाज कल्याण, आईसीडीएस, नगर विकास एवं सूचना विभाग के सहयोग से यह अभियान चलाया जाएगा | मीडिया का सहयोग भी अपेक्षित है क्योंकि किसी भी अभियान की सफलता में मीडिया की अहम् भूमिका होती है | फाइलेरिया की दवा का सेवन करने के लिए लोगों को जागरूक करने में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं |
जिला मलेरिया अधिकारी जीतेन्द्र सिंह ने बताया - फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यतः हाथी पाँव के नाम से भी जाना जाता है | यदि किसी व्यक्ति को एक बार यह रोग हो जाता है तो वह जीवन भर इस रोग से ग्रसित रहता है | फाइलेरिया के मुख्य लक्षण हैं - पैरों व हाथों में सूजन (हाथीपांव), पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोश का सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन | इस अभियान में आइवेर्मेक्टिन की दवा डाई इथाइल कार्बमजीन (डी.ई.सी.) एवं अल्बेंडाजोल के साथ दी जाएगी | दवा एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर खिलाई जाएगी |
स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था पाथ की एनटीडी की रीजनल नोडल अधिकारी डा.(मेजर) पूनम मिश्रा ने बताया - मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के तहत इस अभियान को चलाया जा रहा है | इस अभियान में कुल तीन दवाएं आइवर्मेक्टिन, अल्बेंडाजोल और डाईइथाइल कार्बामजीन (डीईसी) दी जाएंगी |
इस अभियान में गर्भवती, गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों और दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को दवा का सेवन नहीं कराना है | जिन व्यक्तियों में फाइलेरिया के कीटाणु रहते हैं उन्हें दवा के सेवन के बाद चक्कर आना, जी मिचलाना, उल्टी आना, हल्का बुखार आना आदि समस्याएँ हो सकती हैं लेकिन इससे घबराना नहीं चाहिए | हर व्यक्ति को साल में एक बार इस दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए | इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि दवाओं का सेवन खाली पेट नहीं करना है |