- इवीएम मूल्यांकन में प्रदेश का बेहतर प्रदर्शन
- बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीका जरुरी
- विशेष टीकाकरण अभियान के अंतर्गत 21.03 लाख से अधिक बच्चों को लगाया गया टीका
- वैक्सीन सुरक्षित, टीके से न डरे अभिभावक
लखनऊ - गत वर्षों में प्रदेश भर में टीके का सही रखरखाव और पहुँच को बनाये रखने में इफेक्टिव वैक्सीन मैनेजमेंट (इवीएम) की अहम भूमिका रही है| इवीएम मूल्यांकन 2022 में प्रदेश ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है| इवीएम को और प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश स्तर की दो दिवसीय बैठक का आयोजन शहर के एक निजी होटल में किया गया|
बैठक के दूसरे दिन शनिवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने इवीएम मूल्यांकन पर प्रदेश के बेहतर प्रदर्शन पर सभी को बधाई दी, और आगे बेहतर बनाने के लिए तीन मूल मंत्र दिए जैसे व्यावहारिक कार्यप्रणाली बनाये, डिजिटल प्लेटफोर्म जैसे ई कवच और इविन का प्रयोग बढ़ायें, और जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों का क्षमता वर्धन करें|
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि प्रभावी टीका प्रबंधन यानि इवीएम में जहाँ ग्लोबल इंडेक्स में भारत के 80 प्रतिशत अंक हैं, वहीँ उत्तरप्रदेश 83 प्रतिशत अंक के साथ देश में दूसरे स्थान पर है| प्रदेश का स्कोर वर्ष 2016 में जहाँ 53 प्रतिशत था, वहीँ वर्ष 2022 में यह बढ़कर 83 प्रतिशत हो गया है| जो कि देश के 80 प्रतिशत से अधिक है| बैठक में इसे शत प्रतिशत करने के प्रयासों पर चर्चा हुयी है| प्रदेश भर में सुचारू रूप से चल रहे टीकाकरण अभियान को सफ़ल बनाने में इवीएम की अहम भूमिका है| इसके अंतर्गत टीके के रखरखाव से लेकर उसके लाने ले जाने, और सत्र स्थल पर सही टीका लगाने की ज़िम्मेदारी होती है| स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार एवं यूएनडीपी (यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम) के सहयोग से वर्ष 2014 से पूरे देश में ई-विन (इलैक्ट़ानिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) प्रोग्राम सफलता पूर्वक संचालित किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश सहित, जनपद, ब्लाक, सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर स्थापित वैक्सीन भण्डारण एवं कोल्ड चेन उपकरणों पर इलैक्ट्रोनिक डिवाइस टेम्परेचर लांगर के माध्यम से ई-विन पोर्टल पर निरंतर निगरानी की जाती है। ईविन के माध्यम से वैक्सीन स्टाक की मौजूदा स्थिति, निर्माता, निर्माण एवं एक्सपायरी डेट के साथ रीयल टाइम तापमान को भी देखा जा सकता है। वैक्सीन के लिए उपयुक्त तापमान के अभाव में कोल्ड चेन हैंडलर के मोबाइल पर एक निर्धारित समय अंतराल पर अलर्ट मैसेज भेजता है और वैक्सीन को सुरक्षित करने के लिए बताया जाता है। वैक्सीन का स्टाक निर्धारित स्टाक से कम या ज्यादा होने, वैक्सीन की अवसान तिथि (एक्सपायरी डेट) नजदीक होने पर भी यह संदेश भेजा करता है, जिससे समय रहते वैक्सीन स्टाक को अनुरक्षित किया जा सके।
डॉ. गुप्ता बताते हैं कि शून्य से पांच साल तक के बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण बहुत जरुरी है| कोविड व अन्य कारणों की वजह से नियमित टीकाकरण में छूटे बच्चों को विशेष टीकाकरण अभियान चलाकर आच्छादित किया जा रहा है| इसके लिए तीन चरण चलाये जाने थे, जिसमें से दो चरणों में लगभग 21.03 लाख से अधिक बच्चों को टीका लगाया जा चुका है| आगामी 13 मार्च से तीसरा चरण चलाया जायेगा| जिसमें अन्य लक्षित बच्चों की ड्यू लिस्ट बनायीं जाएगी और उसी अनुसार उनको वैक्सीन दिया जायेगा। जिससे कि नियमित टीकाकरण में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति की जा सके।
उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील की है कि टीकाकरण पूर्णरूप से सुरक्षित है, अतः सभी अपने शून्य से पांच वर्ष के टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को टीका ज़रूर लगवाएं।