- चरगांवा पीएचसी में बीएचडब्ल्यू ज्ञान प्रकाश बने मिसाल
- 10 साल के बेटे के साथ दे चुके हैं कोविड को मात
- लोगों को समझा रहे हैं टीके का महत्व
गोरखपुर - टीके की दोनों डोज के बाद भी कोविड संक्रमित हुए स्वास्थ्यकर्मी ज्ञान प्रकाश ने कोविड टीके के प्रति आत्मविश्वास के कारण कोविड को चंद दिनों में मात दे दिया। उन्हें टीके का यह महत्व समझ में आया तो स्वस्थ होने के बाद वह लोगों को टीकाककरण के लिए प्रेरित करने लगे। चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में बेसिक हेल्थ वर्कर (बीएचडब्ल्यू) ज्ञान प्रकाश का 10 साल का बेटा भी कोविड पॉजीटिव हुआ था। उनका मानना है कि वह आसानी से इसलिए स्वस्थ हो गये क्योंकि उन्होंने टीका लगवाया था। अब टीके का यही महत्व वह लोगों को समझा रहे हैं।
महानगर के इलाहीबाग के रहने वाले प्रशांत श्रीवास्तव (35) का कहना है कि ज्ञान प्रकाश उनके पड़ोसी हैं। प्रशांत को टीका लगवाने में डर लग रहा था। ज्ञान प्रकाश ने ही उनका डर दूर किया जिसके कारण वह टीका लगवाने को तैयार हुए। एक अन्य पड़ोसी संजय गुप्ता (42) का कहना है कि ज्ञान प्रकाश ने टीकाकरण केंद्र ले जाकर टीका लगवाने में उनकी मदद की। ज्ञान प्रकाश का कहना है कि पड़ोसियों, जानने वालों, रिश्तेदारों समेत करीब 500 लोगों का कोविड टीकाकरण करवाने में उन्होंने प्रेरणा व सहयोग दिया है।
फर्ज निभाते हुए संक्रमित : बीएचडब्ल्यू ज्ञान प्रकाश अप्रैल माह में कोविड ड्यूटी कर रहे थे। सर्विलांस के दायित्व से जुड़े होने के कारण भीड़भाड़ में जाना हुआ। अप्रैल की 17 तारीख को ड्यूटी के बाद उन्हें बुखार महसूस हुआ। बुखार की दवा ली और 19 तारीख को बेटे रणवीर (10) को भी बुखार और सिरदर्द हुआ। ज्ञान प्रकाश समझ गये कि यह कोविड का लक्षण हो सकता है। उन्होंने बेटे के साथ 20 तारीख को कोविड जांच करवाई जिसमें दोनों की रिपोर्ट
पॉजीटिव आई।
पत्नी-बेटी से हुए आइसोलेट : कोविड पॉजीटिव रिपोर्ट आने के बाद ज्ञान प्रकाश ने बेटे के साथ खुद को पत्नी और बेटी से आइसोलेट कर लिया। उनका कहना है कि चूंकि उन्होंने फरवरी माह तक कोविड टीके की दोनों डोज ले ली थी, इसलिए उनका मनोबल ऊंचा था। बेटे के प्रति थोड़ा डर था लेकिन वह पहले स्वस्थ हो गया। फिर अकेले आइसोलेशन में रहने लगे। पांच मई तक वह भी कोविड से स्वस्थ हो गये।
टीका लगवाएं और प्रोटोकॉल का पालन करें : कोविड से सबक ले चुके ज्ञान प्रकाश का कहना है कि सभी लोगों को कोविड की टीका अवश्य लगवाना चाहिए, लेकिन साथ में सतर्कता भी बरतनी चाहिए। टीका लगवाने के बाद भी मॉस्क, दो गज की दूरी, हाथों की स्वच्छता समेत सभी कोविड नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए ताकि न केवल खुद सुरक्षित रहें, बल्कि परिवार भी सुरक्षित रहे।
लेनी चाहिए प्रेरणा : ज्ञान प्रकाश जैसे स्वास्थ्यकर्मियों से स्वास्थ्य विभाग के अन्य लोगों को भी प्रेरित होना चाहिए। कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने कोविड टीके की दूसरी डोज नहीं ली है। उन्हें चाहिए कि दोनों डोज लें। जिन स्वास्थ्यकर्मियों ने टीका लगवा लिया है, वह अपने जानने वालों और जनसमुदाय को टीकाकरण के लिए प्रेरित कर टीका लगवाएं। टीका लगवाने में अगर लोगों को कोई दिक्कत हो रही है तो आवश्यक मदद भी करें।