टीकाकरण में बढ़ेगी सीएचओ की सहभागिता



  • विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से सीएचओ को दिया गया प्रशिक्षण

कानपुर - सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की स्वास्थ्य सेवाओं में भागीदारी बढ़ रही है। सीएचओ अब टीकाकरण एवं प्रिवेंटेबिल डिसीज में भी सक्रिय भागीदारी करेगी। इसलिए सीएचओ को इसके लिए दक्ष होना जरूरी है। इस तरह का प्रशिक्षण सीएचओ की क्षमता वृद्धि करने का काम करेगा। यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने कही। वह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एक होटल में आयोजित दिवसीय प्रशिक्षण में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) का मार्गदर्शन कर रहे थे।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एके कन्नौजियाने बताया कि ने बताया कि नवजात से लेकर पांच साल तक बच्चों का टीकाकरण किया जाता है, इसलिए सभी टीकाकरण के बारे में अच्छी तरह से जान लें। उन्होंने बताया कि बच्चों को टीका कब कब लगाया जाना है,इसके लिए टीकाकरण कार्ड को सुरक्षित रखना है। इस कार्ड में टीकाकरण के बारे में जानकारी लिखी होती है,साथ ही जो टीका लगाया जा चुका है,उसकी भी एंट्री की जाती है। जब बच्चे को अगले टीकाकरण के लिए केंद्र पर ले जाए तो टीकाकरण कार्ड जरूर साथ लेकर जाए और हमेशा टीकाकरण कार्ड साथ रखें। यदि अगले टीकाकरण तारीख के दौरान कहीं यात्रा कर रहे हैं तो ऐसे में टीकाकरण कार्ड के ज़रिए देश में कहीं भी अपने बच्चे/गर्भवती महिला का टीकाकरण करा सकते हैं। टीकाकरण के बाद किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं को देखने के लिए लाभार्थी केंद्र पर 30 मिनट का इंतज़ार करे, इसके बाद ही घर वापस जाए,इसके बारे में विस्तार से बताया।

 अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि पांच तरह की बीमारियों पर सीएचओ को सीधे तौर पर जोड़ा जा रहा है। इसलिए सीएचओ लकवा, खसरा, गलघोटू, कालीखांसी, नवजात टिटनेस जैसी बीमारियों के बारे में बारीकी से अध्ययन करें। ऐसे मरीज मिलने पर तत्काल उनकी रिपोर्ट जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और डब्लूएचओ के एसएमओ को करें।

​विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल आफिसर डॉ जितेंद्र चौहान ने नियमित टीकाकरण का महत्व बताते हुए कहा कि यदि बच्चा टीकाकरण से प्रतिर​क्षित है तो उसे बीमारी जल्दी नहीं पकड़ेगी। सही समय पर बच्चों का टीकाकरण कराना जरूरी है। इसके लिए अब आनलाइन मानीटरिंग भी हो रही है। अभी तक आशा, एएनएम के माध्मय से टीकाकरण ​किया जाता रहा है। अब सीएचओ की टीकाकरण में सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि नवजात से लेकर पांच साल तक सात बार टीकाकरण किया जाता है। इसलिए सभी टीकाकरण का समय ध्यान से जान लें। टीकाकरण किसी भी हालत में नहीं छूटना चाहिए। डब्लूएचओ के मानीटर इसकी मानीटरिंग करते हैं। उन्होंने गर्भावस्था से लेकर पांच साल तक के टीकाकरण के समय अवधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहां टीका लगाया जाना है और किस मात्रा में लगाया जाना है,  इसके बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि टीडी, हेपेटा​इटिस बी, बीसीजी,  पोलियो, पेंटा, रोटा,एफआईपीवी, पीसीवी, खसरा, विटामिन ए, डीपीटी जैसे टीके लगाए जाते हैं। इनके बारे में अनिवार्य रुप से जानकारी कर लें। उन्होंने ने बताया कि इस तरह का प्रशिक्षण सभी सीएचओ को दिया जाना है। अभी पहले चरण का प्रशिक्षण हुआ है। अप्रैल माह में अगले दो चरणों का प्रशिक्षण होगा।

प्रशिक्षण पाने वाली कल्याणपुर की सीएचओ ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से अच्छी जानकारी मिली है। टीकाकरण का समय के बारे में अपडेट हुए हैं।

प्रशिक्षण में उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ जसबीर सिंह, सहायक जिला प्रतिरक्षण अधिकारी प्रखर सक्सेना, यूनिसेफ से फूजैल सिद्दीकी, यूएनडीपी से धनंजय, अरशद सहित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद रहें ।