कटे होठ व तालू वाले बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने की हरसम्भव कोशिश



  • 31 अगस्त तक ऐसे बच्चों का किया जाएगा नि:शुल्क पंजीकरण

लखनऊ - राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) एवं अमेरिका की स्माइल ट्रेन संस्था के सहयोग से हेल्थ सिटी ट्रामा एवं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल  के प्लास्टिक माइक्रोवस्कुलर कॉस्मेटिक एवं क्रेनियोफेशियल सर्जरी विभाग द्वारा कटे होंठ एवं  तालू के मरीजों  के लिए निःशुल्क पंजीकरण का आयोजन  5 से 31 अगस्त तक प्रातः 10 बजे से शाम पांच  बजे तक किया जा रहा है |

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने बताया - कई बच्चों के होंठ और तालू जन्म से कटे होते हैं | बच्चे में आत्मविश्वास उसकी मुस्कान ही जगाती है |  कटे होंठ और तालू  की जन्मजात समस्या  लगभग 3000 से 5000 जीवित शिशुओं में से एक को हो सकती है | यह होंठ के दोनों तरफ या एक ही तरफ संभव है | सामान्यतः होठ के साथ तालू भी कटा होता है किन्तु कभी-कभी केवल तालू के कटे होने की भी सम्भावना होती है | इसके कारणों में किसी भी चीज की स्पष्ट भूमिका प्रमाणित नहीं है  |  

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया- आत्मविश्वास को वापस  लाने में स्माइल प्रोजेक्ट के निदेशक डा. वैभव खन्ना और हेल्थ सिटी ट्रामा एवं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की अहम् भूमिका है |आरबीएसके के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.विवेक दुबे ने बताया- यह बीमारी बच्चों में जन्मजात होती है तथा प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लायी जा सकती है | स्माइल ट्रेन संस्था द्वारा हर आयु वर्ग के लोगों का इलाज पूर्णतया निशुल्क किया जाता है | उन्होंने बताया- अभी तक इस प्रोजेक्ट के तहत डा. वैभव खन्ना के द्वारा 11,000 से अधिक मरीजों का निःशुल्क  ऑपरेशन किया जा चुका है |

डा. वैभव खन्ना ने बताया- यह जन्मजात विकार अन्य विकारों की अपेक्षा बहुतायत से पाया जाता है | माता-पिता शुरुआती दौर में इस बीमारी को समझ नहीं पाते हैं | समय से उचित चिकित्सीय इलाज न मिलने से इस बीमारी का इलाज मुश्किल हो जाता है | अगर पैदायशी कटे होंठ वाला बच्चा जन्म से 4 माह तक और कटे तालू वाले बच्चे का इलाज जन्म के 8 माह से 15 माह के दौरान किया जाये तो बचे के चेहरे पर जीवन भर मुस्कान रहती है, अन्यथा सर्जरी तो हो सकती है लेकिन परिणाम बहुत अच्छा नहीं होता है |  हेल्थ सिटी ट्रामा एवं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में संचालित स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट का यही वास्तविक उद्देश्य है |  

आरबीएस के जिला अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीईआईसी) मैनेजर डा. गौरव सक्सेना ने बताया- जन्मजात  कटे होंठ एवं तालू की विकृति सर्जरी व अन्य उपचार से पूरी तरह ठीक हो सकती है | इसके सम्पूर्ण इलाज में क्रेनियोफैशियल व् ओर्थोग्नेटिक सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं का भी इस्तेमाल होता है | यह बात महत्वपूर्ण है कि बच्चों का समय से इलाज कराने पर जन्मजात विकृति पूर्णतया ठीक हो सकती है |
डा. गौरव ने बताया- 5 से 31 अगस्त तक आयोजित हो रहे इस शिविर में पंजीकृत रोगियों का सम्पूर्ण इलाज निःशुल्क किया जायेगा | अधिक जानकारी के लिए स्माइल ट्रेन संस्था के प्रतिनिधि नीरज कुमार शर्मा के मोबाइल नम्बर- 9454159999 और 9565437056 पर संपर्क स्थापित किया जा सकता है |