वीएचएनडी की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की पहल



  • ग्राम प्रधान, आशा और एएनएम को भेजी जाएगी डीएम की चिट्ठी
  • स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से भेजे जाएंगे पत्र
  • जिलाधिकारी के नाम से तीन अलग-अलग पत्र तैयार करवाए गये

गोरखपुर - जनपद में प्रत्येक बुधवार और शनिवार को आयोजित होने वाले ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने  के लिए जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने पहल की है । इस संबंध में उनके स्तर से ग्राम प्रधान, आशा कार्यकर्ता और एएनएम को पत्र भेजा गया है । तीन अलग-अलग प्रकार के यह पत्र स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के जरिये प्रत्येक प्रधान, आशा और एएनएम के पास भेजे जाएंगे । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने इन पत्रों की पुष्टि की है ।

पत्र के जरिये बताया गया है कि वीएचएनडी सत्रों पर गर्भवती, धात्री माताओं, शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों, 10-19 वर्ष तक के किशोर-किशोरियों, योग्य दम्पत्ति को प्रसव पूर्व सेवाएं, टीकाकरण, नवजात का जन्म पंजीकरण, पोषण सेवाएं, परिवार नियोजन सेवाएं और किशोर स्वास्थ्य संबंधित अन्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं । आयोजन में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं और वीएचएनडी के प्रति जनजागरूकता अपेक्षित है । पत्र के जरिये ग्राम प्रधानों से अपेक्षा की गयी है कि वह वीएचएनडी को अपने कुशल नेतृत्व में बेहतर तरीके से करवाएं और उसका आदर्श प्रस्तुत करें ।

पत्र में आशा कार्यकर्ताओं को  निर्देशित किया गया है कि वह अपने क्षेत्र की गर्भवती का जल्द से जल्द  पंजीकरण कराएं, ड्यू लिस्ट के अनुसार उनकी जांच कराएं, शून्य से पांच साल के बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण कराएं, सरकारी संस्थान पर प्रसव कराने के लिए प्रेरित करें और प्रसव के पहले एवं उसके बाद महिलाओं की निगरानी करें और शिशुओं की भी निगरानी करें । किशोर-किशोरियों को भी आमंत्रित करें और एनीमिया से बचाव के लिए किशोरियों को आयरन की गोलियां अवश्य दिलवाएं । योग्य दम्पत्ति को आमंत्रित कर वीएचएनडी सत्र पर परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करें । इन सत्रों के जरिये शासन से प्राप्त योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाए और जनता तक उनका लाभ पहुंचाया जाए । आशा कार्यकर्ताओं से अपेक्षा की गयी है कि वह एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से समन्वय स्थापित कर गुणवत्तापूर्ण वीएचएनडी सेवाएं प्रदान करने में योगदान दें ।

इनकी उपलब्धता अनिवार्य : जिलाधिकारी के पत्र के मुताबिक प्रत्येक वीएचएनडी सत्र पर बड़ों व बच्चों की वजन मापने की मशीन, बीपी मशीन, हीमोग्लोबिन मीटर, स्टेथोस्कोप, म्यूक टेप, मूत्र परीक्षण किट, निश्चय किट, खाली एमसीपी कार्ड, आईएफए टेबलेट, एलबेंडाजोल, कैल्शियम टेबलेट, ओआरएस कम से कम 60 पैकेट, पेट की जांच के लिए अलग व्यवस्था, टेबल, चौकी, पर्दे, शौचालय, आयरन सिरप और आरसीएच रजिस्टर की उपलब्धता अनिवार्य है ।

यह गतिविधियां अनिवार्य : जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि एएनएम को भेजे पत्र में कहा गया है कि गर्भवती का पंजीकरण कर ड्यू लिस्ट के अनुसार खून, वजन, बीपी, मूत्र में प्रोटीन, ग्लूकोज व पेट की जांच की जाए । शून्य से पांच साल के बच्चों का ड्यू लिस्ट के अनुसार टीकाकरण किया जाए । गर्भवती व बच्चों में पोषण सुनिश्चित करने के लिए उनका वजन करें और निगरानी रजिस्टर पर अंकित करें । कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर रेफर करें । उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली महिलाओं की पहचान कर उनके कार्ड पर रेड मार्क लगाते हुए रजिस्टर में अंकित करें । महिलाओं, बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को बेहतर स्वास्थ्य का परामर्श दें । योग्य दम्पत्ति को परिवार नियोजन साधन अपनाने के लिए प्रेरित करें और सत्र पर परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो । सत्र की सफलता के लिए सभी एएनएम, ग्राम प्रधान, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से समन्वय स्थापित करें ।