- स्वास्थ्य इकाइयों में सुविधाओं में वास्तविक गुणवत्ता और इसके उपलब्धि पर केंद्रित।
- ओटी, आईसीयू/एचडीयू, एलडीआर, आपातकालीन, एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला, सीएसएसडी/मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री और आहार सेवाओं के संचालन विषय पर समूह चर्चा आयोजित
लखनऊ - राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के कार्यालय परिसर स्थित सभागार में प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश शासन पार्थ सारथी सेन शर्मा, आईएएस की अध्यक्षता में प्रदेश के 58 जिला चिकित्सालयों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों और चिकित्सालय प्रबंधकों की प्रबोधन कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस अवसर पर अपर मिशन निदेशक, डा हीरा लाल, भारत सरकार की नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर से आये डा के मदन गोपाल, डा कल्पना पवालिया, डा आशिमा भटनागर, डा पूनम, डा मुसर्रत आदि ने कार्यशाला को संबोधित किया।
स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की कार्यक्षमता का आंकलन करने के लिए एक समान बेंचमार्क प्रदान करने के प्रयास में, इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैन्डर्स के रूप में जाने जाने वाले समान मानकों को पहली बार 2007 में विकसित किया गया था और 2012 में और 2022 में आगे संशोधित किया गया था। उसी के मद्देनजर, संशोधित भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक 2022, महत्वपूर्ण देखभाल और सहायता सेवा क्षेत्रों और आईपीएचएस अनुपालन प्राप्त करने के मानदंडों पर राज्य और जिला अधिकारियों को उन्मुख करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आज की कार्यशाला में कई इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किए गए : पिछले वर्षों में सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों के विकास, वर्ष 2007 से IPHS के प्रति रूख, भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों में संशोधन की आवश्यकता महसूस होने, DHAP के साथ IPHS के जुड़ाव और सेवा वितरण में सुधार के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के परिकल्पित गुणवत्ता और इसके उपलब्धि पर केंद्रित था।
वहीं द्वितीय सत्र में विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे ओटी, आईसीयू/एचडीयू, एलडीआर, आपातकालीन, एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला, सीएसएसडी/मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री और आहार सेवाओं पर समूह चर्चा में समस्त संचालन पहलुओं को शामिल किया गया। समग्र सुविधा को IPHS 2022 मानदंडों के अनुरूप बनाने के लिए उस क्षेत्र के व्यक्तिगत IPHS अनुपालन को प्राप्त करने के लिए क्षेत्रवार प्रदान की जाने वाली आवश्यक सेवाओं पर चर्चा की गई।
इसके अलावा तृतीय सत्र में अंतिम तकनीकी सत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में आईपीएचएस अनुपालन प्राप्त करने के मानदंडों को शामिल किया गया, जिसमें ओडीके एप्लिकेशन के प्रदर्शन के बाद प्रत्येक पैरामीटर के लिए क्षेत्रवार प्रतिशत वेटेज पर प्रकाश डाला गया।
स्वास्थ्य सेवाओं और मानकों में सुधार के सम्बन्ध में अपने उद्बोधन में अपर मिशन निदेशक, डा हीरा लाल ने कहा ‘‘साफ सफाई और अच्छा व्यवहार ही सबसे अच्छी दवाई और सबसे अच्छा मानक है।‘‘
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पार्थ सारथी सेन शर्मा, आईएएस ने कहा कि प्रत्येक चिकित्सा इकाई का एच.एम.आई.एस. डाटा पोर्टल पर अवश्य अद्यतन किया जाये, जिसमें चिकित्सा इकाई स्तर पर कोई कमी आने पर उसका कारण भी स्पष्ट किया जाये। प्रसव व सीजेरियन की डाटा फीडिंग प्रति चिकित्सक के आधार पर की जाये। उन्होने कहा कि चिकित्सा इकाईयों में खराब पड़े उपकरणों की मरम्मत कराये जाने का डाटा प्रत्येक सोमवार को अवश्य भरा जाये और दो माह से अधिक समय से खराब पड़े उपकरण की मरम्मत न कराते हुए उसको क्रय किया जाये, सभी चिकित्सा इकाईयां सी.सी.टी.वी. कैमरे की निगरानी में हों और पूर्व में प्रेषित एस.ओ.पी. के अनुसार 16 स्थानो पर कैमरे अवश्य लगायें जायें।
श्री शर्मा ने कहा कि चिकित्सा इकाईयों में दवाइयों की कमी न हो इस बात पर अवश्य ध्यान दिया जाये, प्रिस्क्रिपशन में जेनेरिक दवाईयां ही लिखी जानी चाहिये, जिसे दवा की खपत कम हो उसे कम इश्यू कराये उसके स्थान पर रोजमर्रा जरूरत पड़ने वाली दवाईयों को इश्यू करा लिया जाये। उन्होने प्रत्येक काउण्टर पर दवाओं की उपलब्धता को डिस्प्ले जरूर किया जाये। इमरजेंसी वार्ड में व्हील चेयर, स्ट्रेचर और हेल्पर की उपलब्धता चौबीस घंटे रखी जाये ताकि देर रात में अगर कोई इमरजेंसी आती है तो उसे वापस न किया जा सके। आई.पी.डी. में भर्ती किये गये मरीजों के खाने की नियमित जांच अवश्य की जाये। अंत में उन्होने कहा कि चिकित्सा इकाईयों में जरूरत पड़ने वाली छोटी-छोटी समस्याओं को रोगी कल्याण समिति के फण्ड से पूरा किया जाये और जिन उपकरणों व समस्याओं की पूर्ति रोगी कल्याण समिति से न की जा सके ऐसी जरूरतों को ही सप्लीमेंटरी पी.आई.पी. के माध्यम से भारत सरकार को प्रेषित की जाये, इसके अतिरिक्त चिकित्सा इकाईयों में कार्यरत चिकित्सक ई-संजीवनी एप-2 हब में अपना पंजीकरण अवश्य करवा लें।
समस्त चिकित्सा इकाईयों में गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाओं हेतु ओटी, आईसीयू/एचडीयू, एलडीआर, आपातकालीन, एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला, सीएसएसडी/मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री और आहार सेवाओं के संचालन विषय पर आयोजित समूह चर्चा व कार्यशाला में के प्रथम दिवस का समापन हुआ।