- सात में टीबी रोग की पुष्टि, तो 315 संभावित मरीजों की जांच
बाराबंकी - जनपद में क्षय रोग मुक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयास हो रहा है। जिला अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केन्द्रों व हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर पर सोमवार को एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन हुआ। इस दौरान 115 टीबी के लक्षण वाले की व्यक्तियों की जांच की गई, जिसमें 07 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई। वहीं पुराने मरीजों का इलाज एवं पोषण को लेकर जागरूक किया गया।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा विनोद कुमार दोहरे ने बताया कि जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला चिकित्सालय में एकीकृत निक्षय दिवस परनिक्षय गतिविधियों के साथ कुष्ठ, फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन गतिविधियों पर ज़ोर दिया गया। इन बीमारियों के रोगियों को चिन्हित कर उन्हें उपचार, परामर्श व आवश्यक दवाएं दी गई। इस दौरान कुल 678 ओपीडी हुआ। इसमें से संभावित टीबी के लक्षण वाले 315 लोगों के बलगम के नमूने लिए गए। जिसमे से 115 सैम्पल भेजा गया। मौके पर 88 बलगम के नमूनों की जांच हुई जिसमें 7 में टीबी की पुष्टि हुई। इसके अलावा 46 एचआईवी एवं 58 से अधिक शुगर के लक्षण वालों की जांच की गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अवधेश कुमार यादव का कहना है कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से हर माह की 15 तारीख को निक्षय दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य टीबी रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही अधिक से अधिक टीबी मरीजों का चिन्हित कर उनका उपचार करना, प्राइवेट नोटिफिकेशन में तेजी लाना, पोषण सामग्री व आर्थिक सहयोग से उन्हें जल्द से जल्द स्वस्थ करना है। संभावित मरीजों की दो बार होगी जांच:
जिला समन्वयक शिप्रा सिंह ने बताया कि एकीकृत निक्षय दिवस पर ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के सापेक्ष 10 प्रतिशत मरीजों की बलगम जांच सुनिश्चित की गई। निक्षय दिवस पर आए सभी संभावित टीबी मरीजों के बलगम की जांच के लिए उन्हें दो डिब्बियाँ दी जा रहीं है। पहली बलगम की जांच में टीबी की पुष्टि होने पर दोबारा सुबह के बलगम की जांच की जाएगी। दूसरी जांच में टीबी की पुष्टि होने पर मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही मरीज का इलाज चलने तक निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए महीना पौष्टिक भोजन के लिए दिया जाएगा।
दो हप्ते से खांसी है तो जांच कराने चलो: हैदरगढ़ ब्लॉक के हेल्थ वेलनेस सेन्टर चौबिसी की सीएचओ सोनी पटेल ने बताया छह संभावित मरीजों के बलगम की जांच की गयी है। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर इलाज के लिए मरीज को सूचना दी जाएगी। आशा कार्यकर्ता जोत्सना शर्मा ने घर-घर जाकर टीबी के लक्षण वाले लोगों को जांच कराने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने लोगों से कहा कि यदि किसी को दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आ रही है। रात में पसीना आता है, भूंख नहीं लगती है या दो हफ्ते से अधिक समय से बुखार रहता है तो जांच कराने का सबसे अच्छा मौका है।
इसी हेल्थ बेलनेस सेन्टर क्षेत्र के पदमपुर की आशा कार्यकर्ता कमलेश ने बताया कि संभावित टीबी मरीज जयराम (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उनकी उम्र 46 वर्ष है। उन्हें लंबे समय से खांसी है, इसके साथ ही उनका वजन भी काफी कम हुआ। वह क्षेत्रीय आशा के माध्यम से केंद्र पर आई हैं, यहां पर उनकी जांच की जा गई है। डॉक्टर ने उन्हें मास्क पहनने और खांसने पर मुंह पर हाथ रखने की सलाह दी गई है।