यूपी में बनेंगी ओपन जेल, मोबाइल के इस्तेमाल पर कड़ी सजा



लखनऊ(डेस्क) - यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में कारागारों की स्थिति की समीक्षा करते हुए कारागार सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कारागारों को ‘सुधार गृह’ के रूप में स्थापित करने की जरूरत जताई और प्रदेश के नए प्रिजन एक्ट तैयार करने के संबंध में मार्गदर्शन दिया। साथ ही राज्य में ओपन जेल खोले जाने पर जोर दिया है।

सीएम ने कहा कि कारागारों में तकनीक का अधिक प्रयोग किया जाए। बंदियों के प्रवेश एवं निकास ई-प्रिजन के माध्यम से कराये जा रहे हैं। प्रिजनर्स इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम, विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम, ई-अभिरक्षा प्रमाण-पत्र, पुलिस इंटेलीजेंस सिस्टम भी लागू है। जेलों में 4200 से अधिक सीसीटीवी लगे हैं, जिनकी निगरानी मुख्यालय में स्थापित वीडियोवॉल से की जाती है। इस पर एलर्ट के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन कैमरों को वीडियोवॉल से एंटीग्रेट कर मॉनीटरिंग हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कैबिनेट ने विगत दिनों नई जेल मैन्युअल को अनुमोदित किया है। जेल सुधारों की ओर यह महत्वपूर्ण प्रयास है। हमें कारागारों को सुधार के बेहतर केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास करना होगा। इस दिशा में ‘ओपन जेल’ की स्थापना उपयोगी सिद्ध हो सकती है। इस समय लखनऊ में एक सेमी ओपन जेल संचालित है। ओपन जेल की स्थापना के लिए विधिवत प्रस्ताव तैयार करें।