- निजी अस्पतालों में खोले जाएं परिवार नियोजन कॉर्नर : डा. जैसवार
- परिवार नियोजन कार्यक्रमों को लेकर निजी सेवा प्रदाताओं का हुआ क्षमता वर्धन
लखनऊ - जनपद में शुक्रवार को शहरी परिवार कल्याण कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण के तहत निजी सेवा प्रदाताओं की एक दिवसीय क्षमता वर्धन बैठक आयोजित हुई । यह क्षमता वर्धन बैठक स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सहयोगी संस्था पॉपुलेशन सर्विसेस इंटरनेशनल (पीएसआई) - इंडिया के सहयोग से हुई।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने कहा कि परिवार नियोजन सहित सभी स्वास्थ्य सेवाओं को आमजन तक पहुँचाने में निजी चिकित्सालयों का भी योगदान है लेकिन निजी चिकित्सालय इस बात का प्रयास करें कि वह समय से रिपोर्टिंग करें।
बैठक में फ़ेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनोलॉजिकल सोसायटीज ऑफ इंडिया (फॉग्सी) की लखनऊ इकाई की अध्यक्ष एवं क्वीन मेरी की स्त्री एवं प्रसूता रोग की विभागाध्यक्ष डा.एस.पी.जैसवार ने कहा कि जनसंख्या नियोजित करने में निजी क्षेत्र की भूमिका अहम है क्योंकि बड़ी संख्या में महिलाएं निजी अस्पतालों और चिकित्सकों के पास जाती हैं। ऐसे में निजी क्षेत्र के सेवा प्रदाताओं का क्षमता वर्धन करना बहुत जरूरी है ।
परिवार नियोजन साधनों को आमजन तक पहुंचाने में काउंसलिंग की भूमिका अहम है । प्रसव के बाद प्रसूता को अस्पताल में परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के बारे जानकारी देते हुए इसे अपनाने के लिए प्रेरित करे। इसके साथ ही इस बात की जानकारी जरूर दें कि दो बच्चों में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखें और अनचाही गर्भावस्था की स्थिति में प्रशिक्षित चिकित्सक से ही सलाह लें। जब भी साधनों को जानकारी दें तो यह भी जरूर बताएं कि इसको अपनाने के बाद इसके कुछ प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं जो कि कुछ समय बाद ठीक हो जाएंगे। इससे महिला मानसिक रूप से तैयार होगी।
डा. जैसवार ने निजी अस्पताल के प्रतिनिधियों को अस्पताल परिसर में परिवार नियोजन कॉर्नर बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल अपने परिसर में एक ऐसी जगह सुनिश्चित करें जहां पर परिवार नियोजन के सभी साधन उपलब्ध हों और काउंसलर की उपस्थिति भी सुनिश्चित करें जो कि लाभार्थी को परिवार नियोजन के बारे में परामर्श दें और वह अपनी पसंद के अनुसार परिवार नियोजन के साधनों का चुनाव कर पाएं। इसके साथ ही वहाँ पर परिवार नियोजन साधनों से संबंधित प्रचार प्रसार सामग्री भी प्रदर्शित की जाए जिससे कि वहाँ पर आने वाले लोगों को जानकारी हो सके।
इस मौके पर शहरी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी डा.ए.पी.सिंह ने कहा कि निजी अस्पताल एचएमआईएस पोर्टल पर स्वास्थ्य संकेतक संबंधी आंकड़ों को समय से अपलोड करें जिससे कि लोग स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले पाएं।
पीएसआई - इंडिया की प्रतिनिधि निवेदिता ने संस्था द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी और बताया कि संस्था चैलेंज इनिशियेटिव फॉर हेल्दी सिटीज (टीसीआईएचसी) परियोजना के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में परिवार नियोजन की सेवाओं को अंतिम लाभार्थी तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है।
बैठक के अंत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव ने सभी का धन्यवाद किया। इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप, पीएसआई-इंडिया, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर), फातिमा अस्पताल, जावित्री अस्पताल, सेंट जोसेफ, टी.एस.मिश्रा, रेड प्लस नर्सिंग होम, आशा मेडिकल सेंटर, चंद्रा अस्पताल, सूर्या अस्पताल, किरन अस्पताल, रामा मेडिकल सेंटर के प्रतिनिधि मौजूद रहे।