- विदाई समाराेह में बोले भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक
- उपलब्धियों से भरा रहा महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी का कार्यकाल
नई दिल्ली - भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में मंगलवार को महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी का विदाई समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आईआईएमसी के शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर पत्रकारिता की नई इबारत लिख सकते हैं। भारतीय पत्रकारिता का इतिहास आईआईएमसी के विद्यार्थियों के बिना अधूरा है। अपनी प्रतिभा से भारतीय जन संचार संस्थान के विद्यार्थियों ने पूरे विश्व में संस्थान का नाम रोशन किया है। समारोह में अपर महानिदेशक डॉ. निमिष रुस्तगी एवं डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह सहित समस्त संकाय सदस्य, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी), नई दिल्ली को देश का सर्वश्रेष्ठ मीडिया संस्थान बनाए रखने की दृष्टि से महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी का कार्यकाल याद रखा जाएगा। वे तीन वर्ष से संस्थान के महानिदेशक हैं। 12 जुलाई, 2023 को उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। पिछले तीन वर्षों में प्रत्येक सर्वेक्षण में आईआईएमसी को देश का सर्वश्रेष्ठ मीडिया प्रशिक्षण संस्थान घोषित किया गया है। इसका श्रेय प्रो. द्विवेदी के कुशल प्रशासक और योजक व्यक्तित्व को जाता है।
अपने कार्यकाल में प्रो. द्विवेदी ने जहां आईआईएमसी द्वारा प्रकाशित दो यूजीसी-केयर सूचीबद्ध शोध पत्रिकाओं 'संचार माध्यम' और 'कम्युनिकेटर' को रिलांच किया, वहीं तीन नई पत्रिकाएं 'राजभाषा विमर्श', 'संचार सृजन' और 'आईआईएमसी न्यूज' भी शुरू कीं। जम्मू और अमरावती में हिंदी पत्रकारिता का पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के अलावा प्रो. द्विवेदी ने आइजोल सहित तीन केंद्रों पर डिजिटल मीडिया का नया पाठ्यक्रम भी शुरू किया। इसके अलावा उन्होंने 'शुक्रवार संवाद' जैसा रचनात्मक प्रयोग भी प्रारंभ किया, जो विद्यार्थियों के बीच बेहद चर्चित रहा। सोशल मीडिया के माध्यम से आईआईएमसी की पहचान को विस्तार देने में भी प्रो. द्विवेदी की बड़ी भूमिका रही है। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, दक्षिण दिल्ली के अध्यक्ष के रूप में भी प्रो. द्विवेदी ने 76 संस्थाओं को हिंदी में काम करने के लिए प्रेरित किया।