बाराबंकी - राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जनपद के स्कूलों, आंगनवाड़ी केन्द्रों पर चिकित्सकों की सचल दल की टीम द्वारा उनके स्वास्थ्य को ले कर कार्य किया जा रहा है उक्त जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डा डीके श्रीवास्तव ने दी , उन्होंने बताया कि जनपद में 15 विकास खण्डों के माध्यम से 30 टीमें कार्य कर रहीं है, प्रत्येक टीम में दो चिकित्सक,1 एएनएम 1 पैरा मेडिकल कर्मचारी होते है, जिनके माध्यम से इस अभियान को चलाया जा रहा है।
नोडल अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 19 वर्ष तक के किशोर एवं किशोरियों को स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से समुदाय स्तरीय सेवायें प्रदान की जाती हैं | इस कार्यक्रम के अंतर्गत शिशु मृत्यु दर एवं कुल प्रजनन दर को कम करने के लिए किशोर प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य को एक मुख्य घटक माना गया है। जिससे इसको मुख्यधारा में जोड़ा जा सके । इसके अंतर्गत स्वास्थ्य उन्नयन, किशोरों में पोषण, आकस्मिक चोट, हिंसा (लिंग आधारित), असंक्रमणकारी रोग , मानसिक स्वास्थ्य एवं में जानकारी तथा सलाह देना है।
उन्होंने बताया कि ने इस कार्यक्रम के तहत किशोरो को शारीरिक व मानसिक समस्याओं को लेकर अपनी झिझक को तोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसके अलावा शरीरिक बदलावों से परिचित कराते हुए किशोरावस्था में होने वाली समस्याओं एवं निराकरण की भी जानकारी दी जाती है।
डीआईसी मैनेजर अवधेश कुमार सिंह ने बताया चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महत्वपूर्ण कार्यक्रम राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के बच्चों का उपचार किया जाता है। आरबीएसके की मोबाइल हैल्थ टीम विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों और शिक्षण संस्थानों पर जाकर लगभग 38 बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के उपचार में मदद करती है।
मोबाईल हैल्थ टीम बच्चों की जांच कर उस अनुरूप की जाने वाली चिकित्सा हेतु बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल या फिर मेडिकल कोलेज रेफर करती है। वहां इन बच्चों का निशुल्क उपचार किया जाता है। बच्चों में जन्मजात हृदय रोग के अलावा कार्यक्रम में कटे होंठ व तालू, मुड़े हुए पैर, कान बहने और मोतियाबिंद का इलाज किया जाता है। इसके अलावा कमजोर नेत्र दृष्टि वाले बच्चों के चश्मे भी बनाए जाते हैं।