बच्चों के टेढ़े-मेढ़े पैरों का इलाज करने की मुहिम शुरू, 3 को लगेगा कैंप



बाराबंकी  -  राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत क्लब फूट (टेढ़े-मेढ़े पैर) से ग्रसित छोटे बच्चों के उपचार के लिए 29 नवम्बर से तीन दिसम्बर तक जागरूकता फ़ैलाने और इससे ग्रसित बच्चों के उपचार के लिए परिवारों की काउन्सलिंग की जायेगी। इसके साथ ही 3 दिसम्बर को सीएमओ कार्यलय में कैंप लगाकर इसका समाधान किया जायेगा।। क्लब फूट पर अक्सर माँ बाप बच्चों में इस तरह की समस्या होने पर बहुत परेशान होते हैं। इसके अलावा प्रत्येक शुक्रवार को जिला अस्पताल के क्लब फुट क्लीनिक मे टेढ़े-मेढ़े पैर वाले बच्चों की सर्जरी निशुल्क होती है।

कार्यक्रम के सीएमओ डा राम जी वर्मा ने बताया कि क्लब फुट बीमारी में बच्चों के पैर जन्मजात टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं। सही समय पर इसका इलाज न हो तो बच्चा जीवन भर के लिए दिव्यांग हो सकता है। संस्था मिरेकल फीट इण्डिया के सहयोग और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यलय बाराबंकी में कैंप का आयोजन किया जायेगा। इसके तहत कार्यक्रम में क्लब फूट से ग्रसित बच्चों के उपचार के बारे में परिवार व आमजन को जागरुक किया जा रहा है।

एसीएमओ एवं कार्यक्रम के नोडल डा डीके श्रीवास्तव ने बताया कि जिला अस्पताल में क्लब फूट से ग्रसित बच्चों के उपचार के लिए अभिभावकों का संवेदीकरण कर परामर्श दिया जायेगा। क्लब फूट या टेढ़े-मेढ़े पैर का उपचार संभव है और उपचार के बाद बच्चा पूरी तरह ठीक होकर अपने पैरों पर चलने में सक्षम हो जाता है।

माँ बाप को खुद समझना होगा: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीआईसी मैनेजर डा अवधेश सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत 3 को सीएमओ कार्यलय में क्लब फूट से ग्रसित बच्चों के उपचार के लिए कैंप आयोजित किया गया है। यह क्लब फूट से ग्रसित बच्चों का उपचार आमजन के लिए पूर्णतः निःशुल्क है। उन्होंने बताया कि क्लब फूट या मुड़े हुए पैरों का उपचार संभव है और उपचार के बाद बच्चा पूरी तरह ठीक होकर अपने पैरों पर चलने में सक्षम हो जाता है। यह उपचार पूर्णतः निःशुल्क है। इसके लिए सहयोगी मिरेकल फीट इण्डिया की ओर से उपचार का पूरा खर्च वहन किया जा रहा है।

मुफ्त होगा पूरा इलाज: आयोजित हो रहे कैंप में बच्चों के परिवार को उपचार की पूरी प्रक्रिया बताई जा रही है, ताकि क्लब फूट से ग्रसित एक भी बच्चा उपचार से अछूता न रहे। इसके साथ ही लक्षित बच्चों की लाइन लिस्टिंग भी की जा रही है। यदि किसी बच्चे में मुड़े पैरों की समस्या है तो उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में संपर्क किया जा सकता है।