लखनऊ - किशोर / किशोरी मानसिक स्वास्थ्य व तनाव प्रबंधन पर स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में शनिवार को अवध डिग्री कॉलेज सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया | कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए बलरामपुर जिला चिकित्सालय के डॉ. पी.के. श्रीवास्तव ने छात्राओं को तनाव से मुक्त रहने और अवसाद से बचने के तरीकों के बारे में बताया |
डा. श्रीवास्तव ने कहा – भागदौड़ भरी जिन्दगी और एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ हमारे जीवन में अवसाद, चिंता व तनाव जैसे अनेक मानसिक परेशानियों को जन्म देती है | ध्यान के जरिए इन पर काबू पाया जा सकता है | अगर सुबह और शाम दस-दस मिनट का ध्यान लगाएं तो बहुत हद तक तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं से निजात पा सकते हैं |
रानी अवंती बाई जिला महिला चिकित्सालय की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ सुधा चौधरी ने कहा- किशोरावस्था एक ऐसी आयु है जिसमें हमारे शरीर में अनेक परिवर्तन होते हैं जो शरीर के साथ साथ मन को भी प्रभावित करते हैं | इस उम्र में मूड स्विंग होता है, एक उत्साह होता है | हम इस उत्साह में कुछ गलत कदम भी हम उठा लेते हैं | ऐसे में हमें अपने अभिभावकों से खुल कर बात करनी चाहिए | साथ ही आप काउंसलर की भी मदद ले सकते हैं | अवन्ती बाई जिला महिला चिकित्सालय में अर्श क्लिनिक हैं जहां आप काउंसलर की मदद ले सकते हैं | अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं | साथ ही माहवारी के दौरान यदि कोई शारीरिक या मानसिक समस्या आ रही है तो उसका भी समाधान यहाँ किया जाता है |
इस मौके पर सिफ्सा के मंडलीय परियोजना प्रबंधक डॉ राजाराम यादव, मंडलीय लेखा प्रबंधक विजय जलपोत, प्रोग्राम मैनेजर डॉ संजय श्रीवास्तव, बलरामपुर जिला चिकित्सालय के मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ के पी एस डब्लू रवि द्विवेदी, कॉलेज की प्रधानाचार्या डा. बीना वर्मा, शिक्षिकाएं और बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं |