पखवाड़े में 32 पुरुषों ने नसबंदी अपनाई



  • 309 महिलाओं ने भी परिवार नियोजन के स्थाई साधन को चुना

लखनऊ - परिवार कल्याण कार्यक्रम को  गति प्रदान करने के लिए  समय-समय पर समुदाय स्तर पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती हैं और कार्यक्रम चलाए जाते हैं | इसका प्रमुख उद्देश्य लोगों में छोटे परिवार के बड़े फायदे की समझ विकसित करना है |  इसी  क्रम में 22 नवंबर से 11 दिसम्बर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन किया गया |

परिवार कल्याण कार्यक्रम की नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अभिलाषा ने बताया – पुरुष नसबंदी  पखवाड़े के दौरान 309 महिलाओं और 32 पुरुषों ने नसबंदी अपनाई | अस्थायी साधनों की बात करें तो 260 महिलाओं ने आईयूसीडी और 996 महिलाओं ने प्रसव पश्चात आईयूसीडी लगवाई | आईयूसीडी/पीपी आईयूसीडी महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जाता है |  637 महिलाओं ने त्रैमासिक गर्भनिरोधक इंजेक्शन ‘अंतरा’ पर अपना भरोसा जताया | हर तीन माह पर लगाया जाने वाला गर्भनिरोधक इंजेक्शन परिवार नियोजन का एक अच्छा साधन है | इसके साथ ही 2876 महिलाओं ने मौखिक गर्भनिरोधक गोली छाया तथा 34,733  पुरुषों ने कंडोम  को अपनाया |

डॉ. अभिलाषा ने कहा कि परिवार नियोजन सेवाओं को आम समुदाय तक पहुंचाने में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होती है | इस पखवाड़े के दौरान केवल पुरुष नसबंदी ही नहीं बल्कि महिला नसबंदी सहित परिवार नियोजन के सभी अस्थायी साधनों को लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने जहां समुदाय को जागरूक किया वहीं स्वास्थ्य केंद्र तक लाने और उन्हें परिवार नियोजन के साधन अपनाने के लिए भी प्रेरित किया |

पखवाड़ों के आयोजन के साथ ही हर माह की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस मनाया जाता है,  जिसके माध्यम से परिवार नियोजन संबंधी परामर्श देने के साथ ही साधन निशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं  | नोडल अधिकारी ने बताया- परिवार कल्याण कार्यक्रमों का उद्देश्य दो बच्चों के जन्म के बीच तीन साल का अंतर रखना और बास्केट ऑफ च्वाइस  के अनुसार परिवार को नियोजित करने के लिए प्रेरित करना है |