- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है
- दिव्यांगजनों के हितों के लिए अब प्रदेश सरकार द्वारा दो विश्वविद्यालय का किया जा रहा है संचालन
- विभिन्न योजनाओँ के माध्यम से दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है
लखनऊ - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है। योगी सरकार ने प्रदेश के छात्र-छात्राओं की शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए 2 करोड़ टैबलेट/स्मार्टफोन देने का लक्ष्य रखा है, जिसके क्रम में अभी तक लगभग 35 लाख तक टैबलेट/स्मार्टफोन छात्र-छात्राओं को वितरित किये जा चुके हैं। इसका उपयोग शिक्षा के लिए करते हुए छात्र-छात्रायें प्रदेश एवं देश का नाम रोशन कर रहे हैं। शिक्षा केवल रोजगार के लिए ही नहीं बल्कि व्यक्तित्व को निखारने का बहुत बड़ा साधन है। उक्त बातें प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहीं।
डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम के तहत 1280 छात्र-छात्राओँ को स्मार्टफोन वितरित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके अन्तर्गत दिव्यांगजन मंत्री ने छात्र-छात्राओं को स्मार्टफोन देकर उनकी हौसला आफजाई की और हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन का सही उपयोग करते हुए विद्यार्थी अपना नाम रोशन करें। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए छात्र-छात्राओं से शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित करने का आवाह्न किया।
दिव्यांगजन मंत्री ने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके अन्तर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के दिव्यांगजनों के जीवन को सुगम बनाने एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में ब्रेल प्रेस की व्यवस्था की गयी है। इससे दृष्टिबाधित छात्र-छात्राओँ की पढ़ाई को सुगम बनाया जा रहा है। डा. शकुन्तला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय में दिव्यांगजनों को शिक्षा, भोजन एवं रहने की व्यवस्था की गयी है। दिव्यांगजनों के हितों को ध्यान मे रखते हुए जगद्गुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट को राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। इस प्रकार प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए दो विश्वविद्यालय प्रदेश सरकार द्वारा संचालित किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग दम्पतियों की शादी पुरस्कार के रूप मे 35 हजार रूपये दिये जा रहे हैं। दिव्यांगजनों की यात्रा सुगम बनाने के लिए ट्राई मोटरसाईकिल देने का कार्य किया जा रहा है। दिव्यांगजनों को दुकान निर्माण हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसी तरह लगभग 11 लाख दिव्यांगजनों को पेंशन के रूप 1 हजार रूपए प्रतिमाह की पेंशन देने का कार्य किया जा रहा है। दिव्यांगजनों को बसो में मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है।