लखनऊ - पुनर्नवा हर्बल फार्मेसी की तरफ से लखनऊ में एक आयुर्वेदिक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें जिसमें उत्तर प्रदेश के कई आयुर्वेदाचार्यों ने भाग लिया। इस सेमिनार में आयुर्वेद तथा आयुर्वेदिक औषधियों की गुणवत्ता और आयुर्वेदिक पद्धति की उन्नति के विषय में विचार विमर्श किया गया एवं पुनर्नवा हर्बल फार्मेसी के संस्थापक ने आयुर्वेदिक सिद्धांतों तथा औषधी प्रयोगों के बारे में बताया। उनका कहना था कि वर्तमान समय में जब हवा, पानी और मिट्टी में प्रदूषण व्याप्त हो गया है, इस अवस्था में औषधियों की गुणवत्ता को प्राप्त करना एक कठिन कार्य है ऐसे में पुनर्नवा हर्बल का यही प्रयास होता है कि औषधियों की गुणवत्ता तथा मात्रा मात्रा को पूर्ण रूप से प्राप्त किया जाए इसके लिए फार्मेसी आयुर्वेद में अपने पुरानी विधियों तथा अनेक प्रकार की साइंटिफिक विधियों का प्रयोग करता आ रहा है।
सेमिनार में मुख्य आयुर्वेदाचार्य ने आयुर्वेद तथा आयुर्वेदिक पद्धति के द्वारा मरीजों के इलाज के लिए किए गए अपने प्रयासों का विवरण दिया। चिकित्सकों का मानना है कि आयुर्वेद 5 हजार साल पुरानी चिकित्सा पद्धति है जिसका जन्म भारत में हुआ तथा यह भारतीय जनमानस के लिए बहुत ही उपयुक्त है। इस सेमिनार में मुख्य रूप से डॉ. बृजेश कटियार, डॉ. राजेश भट्ट, डॉ वीरेंद्र कुमार वर्मा, डॉ. विजय सेठ, डॉ पद्माकर श्रीवास्तव, डॉ पी सी सिंह, डॉ अभय नारायण तिवारी ने अपने-अपने विषयों पर अपना विचार व्यक्त किया । डॉ आरसी वर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में पुनर्नवा हर्बल्स की औषधियों के प्रयोग पर अपना प्रकाश डाला । अंत में डॉ.आर.के. जयसवाल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।