सीएचसी इंदिरानगर में सीपीआर पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित



  •  खुशी फॉउण्डेशन एवं मेदांता अस्पताल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम  
  •  मेडिकल एवं पैरा मेडिकल स्टाफ को किया गया बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) पर प्रशिक्षित 

लखनऊ - बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) और कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) आवश्यक जीवन-रक्षक कौशल हैं जो किसी आपात स्थिति के दौरान किसी मरीज को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षित होना जरूरी है। इसी को देखते हुए खुशी फॉउण्डेशन द्वारा विभिन्न संस्थानों में बीएलएस और सीपीआर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार को शहरी सामुदायिक  स्वास्थ्य केंद्र, इंदिरानगर में खुशी फॉउण्डेशन एवं मेदांता हास्पिटल, लखनऊ द्वारा सीपीआर एवं बीएलएस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें करीब 110 डॉक्टर, मेडिकल एवं पैरा मेडिकल स्टाफ को जीवन रक्षा संबंधी गहन प्रशिक्षण दिया गया।

मेदांता अस्पताल के रुचिर ने बताया कि आजकल की तनाव भरी जिंदगी और बदलती लाइफ स्टाइल में सीपीआर एवं बीएलएस प्रशिक्षण के महत्व को देखते हुए मेदांता अस्पताल ने खुशी फॉउण्डेशन के साथ यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया है। शिविर की सफलता को देखते हुए मेदांता अस्पताल एवं खुशी फॉउण्डेशन द्वारा इस तरह के और भी प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जाएंगे।

दूसरी तरफ डॉक्टर यसनो (DOCTOR YESNO) की निदेशक ज्योति ने बताया कि खुशी फॉउण्डेशन के सहयोग से हर तीसरे माह इस तरह के प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाता है जिससे कि आमजन को ज़्यादा से ज़्यादा जीवन रक्षा सम्बन्धी प्राथमिक चिकित्सा से अवगत कराया जा सके और अब मेदांता अस्पताल के इसमें जुड़ जाने से इस क्षेत्र में और भी सुधार देखा जा सकेगा।

कार्यक्रम के अंत में खुशी फॉउण्डेशन की तरफ से ऋचा द्विवेदी ने डॉक्टर यसनो और मेदांता अस्पताल लखनऊ को धन्यवाद ज्ञापित किया और उन्होंने दोनों ही संस्थानों की तरफ से भविष्य में इस तरह के और भी प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की अपेक्षा की। प्रशिक्षण के दौरान शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से अधीक्षक डॉ. दिलीप भार्गव के साथ सामुदायिक केंद्र का समस्त स्टाफ भी उपस्थित रहा। शिविर में डॉ. विकास तोमर और डॉ. विनीता ने विस्तृत रूप में सीपीआर का मतलब समझाया और लोगों को इस बारे में प्रशिक्षित किया ।

क्या होता है सीपीआर : कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) का उपयोग आपातकालीन स्थिति में किया जाता है। इसे एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड भी कहा जा सकता है। जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वह सांस न ले पा रहा हो और बेहोश जो जाए तो सीपीआर से उसकी जान बचाई जा सकती है। बिजली का झटका लगने पर, पानी में डूबने पर और दम घुटने पर सीपीआर से पीड़ित को आराम पहुंचाया जा सकता है। हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा पड़ने पर तो सबसे पहले और समय पर सीपीआर दे दिया जाये तो पीड़ित की जान बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।