पीएम मोदी ने कानपुर सेंट्रल समेत 4 स्टेशनों का किया वर्चुवल शिलान्यास, 825 करोड़ से होगा कायाकल्प



  • यात्रियों की भीड़ और सुविधाओं को देखते हुए बड़े बदलाव की थी जरूरत 

कानपुर - कानपुर का सेंट्रल स्टेशन अब हवाई अड्डे से भी ज्यादा खूबसूरत दिखेगा। इसके साथ ही विश्वस्तरीय सुविधाएं भी मौजूद होंगी। सेंट्रल के साथ ही पनकी, गोविंदपुरी और अनवरगंज स्टेशन का कायाकल्प होगा। इसके लिए 825 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वर्चुअल तरीके से कानपुर सेंट्रल समेत चारों स्टेशनों का शिलान्यास किया। सेंट्रल स्टेशन पर सांसद सत्यदेव पचौरी और देवेंद्र सिंह भोले के साथ ही रेलवे अफसरों की मौजूदगी में शिलान्यास कार्यक्रम हुआ।

कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर रोजाना 350 से 400 ट्रेनों का आवागमन होता है। यात्रियों में 80 प्रतिशत सिटी साइड से आते-जाते हैं, जबकि 20 फीसदी यात्रियों का ट्रैफिक कैंट साइड होता है। सेंट्रल स्टेशन 1930 में बना था, समय-समय पर कई बदलाव हुए लेकिन यात्रियों की भीड़ और सुविधाओं को देखते हुए बड़े बदलाव की जरूरत थी। इसके चलते सेंट्रल स्टेशन के पुर्नविकास का खाका खींचा गया और पहले चरण में कानपुर सेंट्रल स्टेशन और पनकी धाम स्टेशन के कायाकल्प पर 825 करोड़ रुपए खर्च होगा।

मौजूद रहे सांसद,विधायक और रेलवे के अफसर : दूसरे चरण में गोविंदपुरी और अनवरगंज स्टेशन को संवारने में 32.2 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वर्चुवली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इसका शिलान्यास किया स्टेशन के सिटी साइड बना हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस दौरान सांसद देवेंद्र सिंह भोले,सत्यदेव पचौरी,विधायक सुरेंद्र मैथानी,अरुण पाठक,सलिल विश्नोई समेत भाजपा के कई नेताओं के साथ ही रेलवे के अफसर मौजूद रहे।

आजादी के बाद पहली बार इतना बड़ा बजट मिला :भाजपा के सांसद सत्यदेव पचौरी और अकबरपुर लोकसभा के सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने दावा किया है कि आजादी के बाद पहली बार इतना बड़ा बजट कानपुर के सेंट्रल स्टेशन समेत चार स्टेशनों के कायाकल्प के लिए मिला है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता और दिल्ली कानपुर के नाते का प्रमाण है।

सेंट्रल स्टेशन पर बढ़ेंगे प्लेटफार्म : स्टेशन को नए सिरे से विकसित करने के प्लान में सिटी साइड में कई बदलाव सुझाए गए हैं। मसलन, यहां मौजूद टिकटघर को हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। इस जगह पर तीन नए प्लैटफॉर्म तैयार किए जा सकते हैं। कानपुर सेंट्रल पर फिलहाल 10 प्लैटफॉर्म हैं। जानकारों का कहना है कि कम से कम 2 नए प्लेटफार्म बनाने की पूरी गुंजाइश है। सीपीआरओ ने बताया कि कानपुर सेंट्रल अगले 60 साल की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया जा रहा है। पुनर्विकास के बाद जमीन-आसमान का अंतर दिखेगा।