- एड्स कंट्रोल सोसाइटी की समीक्षा बैठक में सुरक्षा क्लीनिक के कार्मिकों को पूरी ईमानदारी से कार्य करने के निर्देश
- सुरक्षा क्लीनिक के कार्यों की सतत मॉनिटरिंग हो : डॉ हीरा लाल
लखनऊ - यौनजनित रोगों से संक्रमित (एसटीआई) लोगों में एचआईवी का जोखिम सामान्य व्यक्ति की तुलना में अधिक होता है। इसलिए सुरक्षा क्लीनिक पर दी जाने वाली सेवाएं बहुत अहम हैं। सुरक्षा क्लीनिक पर दी जाने वाली सेवाओं जैसे मरीजों को परामर्श, नियमानुसार दवा का वितरण प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाए और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जानी चाहिए। यह बातें सोसायटी के तत्वावधान में मंगलवार को आयोजित सुरक्षा क्लीनिक के कार्मिकों की समीक्षा बैठक के दौरान अपर परियोजना निदेशक डॉ. हीरा लाल ने कहीं।
उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियत्रंण सोसाइटी द्वारा जनपदों मे संचालित सुरक्षा क्लीनिक के कार्मिकों की समीक्षा बैठक चार बैच में अगले चार दिनों तक चलनी है। पहले बैच को संबोधित करते हुए डॉ. हीरा लाल ने कहा कि कार्मिकों द्वारा दी जा रहीं परामर्श सेवाओं मे सुधार की जरूरत है। इसलिए सोसाइटी स्तर से नया फॉर्मेट जारी किया जाएगा, जिसपर प्रत्येक सेंटर को मासिक रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा।
अपर परियोजना निदेशक ने कार्मिकों से कहा कि उन्हें अपने केंद्र पर नवाचार करना चाहिए। प्रत्येक माह सोसाइटी द्वारा कार्मिकों की ग्रेडिंग की जाएगी और बेहतरीन काम करने वालों को सम्मानित और प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने संबंधित प्रोग्राम अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कार्मिकों से एक प्रस्तुतीकरण मंगाया जाए और उस आधार पर ऑनलाइन बैठक करते हुए सभी के साथ कार्यक्रम के बेहतरीन क्रियान्वयन पर चर्चा हो। समीक्षा बैठक के दौरान डॉ. चित्रा सुरेश, सुनील मिश्रा, अनुज दीक्षित आदि अधिकारियों ने भी विभिन्न विषयों पर चर्चा की। बैठक में 30 जनपदों से आए कार्मिकों ने प्रतिभाग किया।