खेल-खेल में जानी एचआईवी-एड्स की गंभीरता



  • अंतरारष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से नेशनल पीजी कालेज में संगोष्ठी और कार्यशाला आयोजित
  • छात्र-छात्राओं ने खूब सीखा और सवाल-जवाब भी किए
  • डॉ. हीरा लाल ने युवाओं को जीवन में आगे बढ़ने के दिए टिप्स, पुरस्कार पाकर खिले युवाओं के चेहरे

लखनऊ - एसटीआई (सैक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन) क्या होता है...एड्स व एचआईवी में क्या फर्क है...इस तरह के सवाल और उनका फटाफट जवाब। नेशनल पीजी कालेज के हौसलामंद छात्र-छात्राओं का जवाब देखकर हाल में मौजूद हर कोई हैरान था। इन छात्रों को अंतरारष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर पहले एचआईवी और एड्स के बारे में बताया गया। फिर उनसे सवालात किए गए। छात्रों ने पूरे सत्र को बड़ी गंभीरता से लिया। उनके जवाब इस बात की गवाही दे रहे थे। कई छात्र-छात्राओं ने रील भी बनाए। मैजिक शो में भी भाग लिया। फेस पेटिंग भी की। हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया।

दरअसल, यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी ने युवाओं को एड्स व एचआईवी के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए नायाब तरीका ढूंढा। चुना नेशनल पीजी कालेज को और विषय था एचआईवी/एड्स और युवा शक्ति की भूमिका। सैकड़ों छात्र-छात्राएं एकत्रित हुए कालेज के सभागार में। सोसायटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ. हीरा लाल, संयुक्त निदेशक डॉ. गीता अग्रवाल, संयुक्त निदेशक डॉ. ए. के. सिंघल और संयुक्त निदेशक रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने बच्चों को बेहद आकर्षक अंदाज में एचआईवी व एड्स के बारे में बताया।

डॉ. हीरा लाल ने युवाओं को देश की रीढ़ और तकदीर बताते हुए स्वस्थ समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की थीम – “ग्रीन स्किल्स फॉर यूथ” पर प्रकाश डाला और कहा कि अपनी ज्ञान की गंगा से युवा देश को हरा-भरा बना सकते हैं। डॉ. हीरा लाल ने युवाओं को त्याग और परिश्रम की मूरत बताते हुए कुछ पंक्तियाँ उन्हें समर्पित की - “कोशिशों को कभी बदनाम नहीं होने देते, वो सवेरे को कभी शाम नहीं होने देते, आसमां को जमीं पर झुका देते हैं, अपने मंसूबों को कभी नाकाम नहीं होने देते“। उन्होंने सरदार पटेल और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उदाहरण पेश करते हुए युवाओं को जिन्दगी का लक्ष्य तय करने और उस सपने को साकार करने के टिप्स भी दिए।  

इसके बाद बच्चों से प्रश्न पूछे गए और सही जवाब देने वाले बच्चों को पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर छात्र-छात्राओं ने रील भी बनाईं। सबसे बेहतरीन रील बनाने वाले छात्र उमंग मिश्रा को प्रथम पुरस्कार स्वरूप पांच हजार रुपए दिए गए। शौर्य गुप्ता को दूसरा और दिव्यांशी निगम को तीसरा पुरस्कार मिला। फेस पेंटिंग में हर्षित श्रीवास्तव अव्वल, सिमरन भारती सेकेंड और श्रुति त्रिवेदी को तीसरा स्थान मिला। द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को 3500 और तृतीय स्थान पाने वाले को 2000 रूपये के चेक डॉ. हीरा लाल ने प्रदान किये। छात्र-छात्राओं ने मैजिक शो में भी प्रतिभाग किया।

नेशनल पीजी कालेज के प्राचार्य प्रो. देवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि युवा जागरूक हो जाएँ तो देश की बहुत सी समस्याएं अपने आप ख़त्म हो जाएंगी। वह घर-परिवार, समाज और देश की दशा और दिशा तय करने की ताकत रखते हैं। इस मौके पर 35 वर्षों से एचआईवी के साथ जीवन व्यतीत कर रहे यूपीएनपी प्लस संस्था के दिनेश सिंह ने अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि जीवन अब पूरी तरह से इस बीमारी को ख़त्म करने को समर्पित कर दिया है।   

सोसायटी के संयुक्त निदेशक रमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने इस आयोजन में कालेज के प्राचार्य और अन्य कर्मचारियों के सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस की शुरूआत वर्ष 2000 से गई, जिसके बाद से हर साल पूरे विश्व में इस अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। सोसायटी के अपर निदेशक अनुज दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापन किया और इस तरह के अन्य कार्यक्रमों के आयोजन में कालेज के सहयोग की अपेक्षा की।