नई दिल्ली (आरएनएस)। भारतीय वायुसेना में रविवार को हेरॉन मार्क 2 ड्रोन शामिल किया गया है, जिसे इजरायली ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। यह एक ही बार में चीन और पाकिस्तान की सीमा का चक्कर लगा सकता है साथ ही जरूरत पडऩे पर मिसाइलें भी दाग सकता है। मिली जानकारी के अनुसार इंडियन एयरफोर्स अपने चीता प्रोजेक्ट को लगातार आगे बढ़ाने में जुटी है। इसके तहत इजरायली हेरॉन ड्रोन को अपग्रेड किया जा रहा है। उसे स्ट्राइक करने की क्षमताओं से लैस किया जा रहा है। हेरॉन सीरीज के ड्रोन पहले से ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल है, लेकिन अब हेरॉन मार्क 2 के आ जाने से इसके हमले की क्षमता बढ़ गई है।
हेरॉन मार्क 2 ड्रोन जासूसी करने के उपकरणों के साथ-साथ हमले के लिए भी तैयार किया गया है। यह लंबी दूरी की मिसाइलों सहित अन्य हथियारों से लैस है। यह एक ही उड़ान में भारत के दोनों दुश्मनों की सीमा की निगरानी कर सकता है। इसे भारतीय वायुसेना के उत्तरी क्षेत्र के एक फॉर्वर्ड बेस पर तैनात किया गया है।
यह ड्रोन एक बार में 36 घंटों तक उड़ान भर सकता है। साथ ही जंग के दौरान यह लड़ाकू विमानों की मदद के लिए लक्ष्यों को लेजर से चिह्नित कर सकता है। किसी भी मौसम और दुर्गम इलाकों में काम कर सकता है। इस पर एयर मिसाइल और एंटी टैंक हथियार लगाए जा सकते हैं। इस ड्रोन को लेकर स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ने कहा- हेरॉन मार्क 2 एक बहुत ही सक्षम ड्रोन है। यह लंबे समय तक चलने में सक्षम है और इसमें 'दृष्टि की रेखा से परे' क्षमता है। इससे पूरे देश की एक ही जगह से निगरानी की जा सकती है।