शहरी कमजोर वर्ग को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने पर ‘मंत्रणा’



  • राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पीएसआई के सहयोग से कार्यशाला आयोजित
  • किशोरों और युवाओं तक पहुँच बनाना व सोच में बदलाव लाना जरूरी : डॉ. पिंकी जोवेल

लखनऊ । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य निदेशालय और पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल (पीएसआई) इण्डिया के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को स्थानीय एक होटल में “मंत्रणा” कार्यशाला आयोजित की गयी। पीएसआई के द चैलेन्ज इनिशिएटिव (टीसीआई) कार्यक्रम के तहत आयोजित कार्यशाला में शहरी कमजोर वर्ग को गुणवत्तापूर्ण परिवार नियोजन और बेहतर किशोर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने पर मंत्रणा हुई।

इस मौके पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को गुणवत्तापूर्ण और सभी के लिए सुलभ बनाना सरकार की पहली प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने किशोरों और युवाओं तक पहुँच बढ़ाने और उनकी सोच में बदलाव लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किशोर और किशोरियों में शारीरिक बदलाव समान तरीके से होते हैं, ऐसे में उनकी जिज्ञासाएं तरह-तरह की होती हैं। उनकी जिज्ञासाओं को शांत करना बहुत जरूरी होता है हालाँकि आज सोशल मीडिया से वह जानकारी तो बहुत जुटा लेते हैं लेकिन सही और गलत का निर्णय लेने में वह अक्षम होते हैं। इसलिए उनको इसी उम्र में सही जानकारी मिल जाए तो वह देश के निर्माण में सहायक बन सकते हैं। परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुष भागीदारी बढ़ाने पर भी उन्होंने जोर दिया। मिशन निदेशक ने कहा कि देश तेजी के साथ विकास की ओर अग्रसर है, जिस कारण से प्रवासी कामगार भी बढ़े हैं, जिन्हें स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराना ही बड़ी चुनौती के रूप में है। इसमें सहयोगी संस्थाएं बड़ी मददगार साबित हो सकती हैं।    

इस मौके पर महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ. बृजेश राठौर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को घर-घर तक पहुँचाने के लिए आशा कार्यकर्ताओं की बड़ी फ़ौज तैनात है लेकिन अभी शहरी क्षेत्र में ऐसा नहीं है। नगरीय स्वास्थ्य केन्द्रों के जरिये जरूर घर के करीब स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया करायी जा रहीं हैं।

पीएसआई इण्डिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मुकेश कुमार शर्मा ने कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने शहरी कमजोर वर्ग में प्रजनन और किशोर स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियों और संभावनाओं पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे में आज हमें विचार करने की सख्त जरूरत है कि जब देश आजादी के 100 साल पूरे करने को हो तो स्वास्थ्य के मामले में भारत कैसा दिखना चाहिए। कार्यशाला में एनएचएम के राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबन्धक डॉ. मनोज कुमार शुकुल ने किशोरों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश में चलाये जा रहे कार्यक्रमों में पीएसआई के योगदान के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।   

कार्यशाला के दूसरे सत्र में शहरी कमजोर वर्ग के लिए प्रजनन एवं किशोर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कराने पर पैनल डिस्कशन आयोजित किया गया। पैनल डिस्कशन का संचालन पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. ज्योति वाजपेयी ने किया। पैनल में एनएचएम के महाप्रबन्धक- परिवार नियोजन कार्यक्रम डॉ. वेद प्रकाश, डायरेक्टर परिवार कल्याण उप्र डॉ. अमित सिंह, यूपी टीएसयू के परिवार नियोजन कार्यक्रम की प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रीति आनन्द और पीएसआई इण्डिया के प्रोग्राम डायरेक्टर हितेश साहनी शामिल रहे। पैनल के अंत में खुला सत्र आयोजित किया गया, जिसमें कार्यशाला में भाग ले रहीं सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने प्रजनन और किशोर स्वास्थ्य से जुड़े कई सवाल किये। इस मौके पर डीजीएम आरकेएसके डॉ. आनन्द, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक सतीश यादव, राजधानी के छितवापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. गीतांजलि, आशा कार्यकर्ता मीनू पाल और यूथ चैम्पियन महक ने शहरी स्वास्थ्य सेवाओं में पीएसआई के योगदान के बारे में अनुभव साझा किये। कार्यक्रम का संचालन पीएसआई इण्डिया की मीनाक्षी दीक्षित ने किया । पीएसआई इण्डिया के डिप्टी डायरेक्टर समरेन्द्र बेहरा ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।