- ग्रीन चैनल अपनाने व पूछताछ केंद्र स्थापित करने पर मिला सम्मान
- आभा स्कैन की सर्वाधिक संख्या व टोकन तैयार करने पर मिला अवार्ड
- सोमवार से दिल्ली में शुरू हुए आरोग्य मंथन-2023 में मिले दोनों अवार्ड
- वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान किए गए कार्यों के बदले मिला सम्मान
लखनऊ - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) को बेहतर तरीके से धरातल पर उतारने के लिए यूपी को दो अवार्ड मिले हैं। पहला है आयुष्यमान पूछताछ केंद्र की स्थापना करना और ग्रीन चैनल पेमेंट व्यवस्था शुरू करना। दूसरा है आभा स्कैन की सर्वाधिक संख्या व टोकन तैयार करना। इन दोनों श्रेणियों में उत्तर प्रदेश को आयुष्मान कियास्क डिपल्वायमेंट एंड ग्रीन चैनल इम्प्लीमेंटेशन और हाईएस्ट नंबर ऑफ आभा स्कैन एंड शेयर टोकन जनरेटेड अवार्ड मिला है। आभा स्कैन यानि आभा एप्लीकेशन के जरिए मरीज आसानी से क्यूआर कोड स्कैन करते हैं और उन्हें तत्काल टोकन नंबर मिल जाता है।
यह अवार्ड नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 25 सितंबर से दो दिवसीय आरोग्य मंथन के दौरान दिया गया है। यह अवार्ड मंगलवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की ओर से केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने दिया। सम्मान लेने के लिए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा और साचीस की सीईओ संगीता सिंह और अन्य मौजूद रहे। स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्परहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीस) यूपी में पीएमजेएवाई की नोडल एजेंसी है। राजधानी दिल्ली में यह आयोजन पीएमजेएवाई के पांच वर्ष पूरे होने पर और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के दो वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया गया था।
निदेशक एनएचए, लता गणपति और एनएचए के संयुक्त सीईओ डॉ बसंत गर्ग ने कहा कि यह सम्मान इसलिए बहुत बड़ा है क्योंकि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में इस तरह की उपलब्धि मिलना बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि ऐसी पहल यह संदेश देती है कि आयुष्मान की ताकत और बढ़ी है। हर दिन जन-जन तक यह योजना लोकप्रिय हो रही है। इस अवार्ड से उत्साहित चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश की स्वास्थ्य टीम को बधाई दी है। यह एक अच्छा प्रयास है। ऐसे प्रयास होते रहने चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर की आशा के पास है अब स्मार्ट फोन है। आभा एप के जरिए मरीजों के ऑनलाइन या ऑफलाइन पंजीकरण में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आयुष्मान भारत के सभी चार स्तंभों के तहत उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गरीबों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना, प्रधान मंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से लोगों को घर के पास ओपीडी और जांच सेवाएं उपलब्ध कराना, पीएम आयुष्मान भारत इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करना और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत डिजिटल तकनीक का उपयोग करके स्वास्थ्य देखभाल को बेहतर बनाना।
साचीस की सीईओ संगीता सिंह ने बताया कि हम सूचीबद्ध अस्पतालों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। 60 अस्पतालों से शुरू हुए इस ग्रीन चैनल के पायलट प्रोजेक्ट के काफी सकारात्मक परिणाम आए हैं। इसके चलते हाल ही में हमने 1242 अस्पतालों को ग्रीन चैनल में शामिल करने के लिए चुना है। साथ ही 75 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पूछताछ केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। इस प्रयास से अधिकाधिक मरीजों को पीएमजेएवाई का लाभ मिलने में मदद मिल रही है।
पीएमजेएवाई में 5 लाख रुपए का बीमा कवरेज मिलता है। जनवरी 2023 से शुरू हुई इस व्यवस्था के तहत ग्रीन चैनल के तहत अस्पताल को दावा जमा करने के समय तत्काल 50% अग्रिम दावा राशि दी जा रही है। इससे पायलट अस्पतालों की ओर से उठाए गए प्री-ऑथ में 41% की वृद्धि देखी गई और अस्पतालों को कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने और नकदी प्रवाह में वृद्धि करने में मदद मिली। इससे पायलट ग्रीन चैनल अस्पतालों की प्रक्रिया दक्षता में सुधार करने में भी मदद मिली, जहां दावों की गुणवत्ता में सुधार हुआ और केवल 6 महीने की अवधि में दावा प्रस्तुत करने के समय में 70% तक सुधार हुआ। गौरतलब है कि ग्रीन चैनल व्यवस्था से जुड़ने के लिए सूचीबद्ध अस्पताल को ग्रीन चैनल व्यवस्था में शामिल होने के लिए अपनी रिपोर्ट व रिकॉर्ड में न्यूनतम छह महीने में कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।