नवरात्र से प्रारंभ होगा 'मिशन शक्ति' का नया चरण



  • सप्ताह में एक दिन गांव में होगी महिलाओं की बैठक

लखनऊ । महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए देश भर में सराहे गए 'मिशन शक्ति' अभियान का नया चरण आगामी शारदीय नवरात्र से प्रारंभ होगा। अभियान के इस चरण में महिलाओं की सुरक्षा व आपात परिस्थितियों में मदद के प्रबंध की जानकारी तो मिलेगी ही, केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ने का अवसर भी होगा। अभियान के इस चरण के केंद्र में शक्ति दीदी के रूप में महिला बीट अधिकारी होंगी। जिनके साथ स्वास्थ्य, राजस्व, महिला एवं बाल विकास सहित विभिन्न विभागों के स्थानीय कार्मिक उपस्थित होंगे ताकि मौके पर ही योजनाओं से वंचित पात्र महिलाओं को योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हर सप्ताह एक नियत दिन शक्ति दीदी (महिला बीट अधिकारी) के साथ आशा, एएनएम, रोजगार सेवक, लेखपाल, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री आदि गांव में महिलाओं के साथ संवाद करेंगे। महिला बीट अधिकारी द्वारा महिलाओं को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए गए प्रबंधों के बारे में जानकारी देंगी तो आपात परिस्थितियों में उपयोगी 112, 108, 1090, 181 जैसी हेल्पलाइन सेवाओं के बारे में भी जागरूक करेंगीं। वही अन्य विभागीय कार्मिक विभिन्न योजनाओं के लिए पात्र, किंतु अब तक वंचित महिलाओं को योजनाओं का लाभ दिलाएंगे।

मिशन शक्ति के नए चरण के संबंध में 'शक्ति दीदी प्रोजेक्ट' का शुभारम्भ किया गया है, जिसके सुचारु रुप से संचालन हेतु बीते 05 सितंबर से  21 सितंबर तक प्रदेश के 07 कमिश्नरेट और 68 जनपदों के पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण (प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण) कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह प्रशिक्षित अधिकारी अपने-अपने कमिश्नरेट जनपदों में जाकर मास्टर ट्रेनर के रूप में महिला बीट पुलिस अधिकारियों (शक्ति दीदी) को प्रशिक्षित करेंगी। जिसके बाद नवरात्र से विधिवत अभियान संचालित होगा। बता दें कि महिला बीट अधिकारी द्वारा महिला बीट क्षेत्र में भ्रमण करते हुए चौपाल का आयोजन, महिलाओं को वाट्सएप्प के माध्यम से जोड़ने, विभिन्न हेल्प लाइन नम्बर, महिला हेल्पडेस्क व विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने की कार्यवाही की जा रही है। सादे कपड़ो में तैनात पुलिस द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर छेड़खानी करने वालों पर कार्यवाही भी हो रही है तो यौन अपराध की पीड़िताओं की आवश्यकतानुसार काउन्सलिंग भी की जा रही है।