उत्तर प्रदेश ने बनाया नया कीर्तिमान, चार करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने वाला पहला राज्य बना



लखनऊ। उत्तर प्रदेश ने चार करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।  इस तरह उत्तर प्रदेश अब पूरे देश में  चार करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने वाला एकलौता राज्य बन गया है। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश में नित नये कीर्तिमान रचने का दौर जारी है। हाल ही में उत्तर प्रदेश ने पूरे देश में सर्वाधिक आयुष्मान कार्ड बनाने के मामले में मध्य प्रदेश को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया था। महज कुछ दिनों के अन्दर ही उत्तर प्रदेश ने  चार करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने का भी रिकार्ड स्थापित किया है। यह जानकारी स्टेट हेल्थ एजेंसी साचीज की सीईओ संगीता सिंह ने दी।

आयुष्मान भव अभियान के अंतर्गत 17 सितंबर  से दो अक्टूबर तक चलाए चलाये गये  अभियान में भी उत्तर प्रदेश ने 45 लाख से भी अधिक आयुष्मान कार्ड बनाते हुए पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया था। केंद्र व राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत अब तक 26 लाख से भी अधिक मरीजों का उपचार हुआ है।

गौरतलब है कि है कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत आयुष्मान ऐप के माध्यम से कोई भी पात्र व्यक्ति स्वयं अपना कार्ड बन सकता है इसके लिए उसे गूगल प्ले स्टोर से आयुष्मान ऐप डाउनलोड करना होगा और मोबाइल पर इसे इंस्टॉल करने के बाद बड़ी आसानी से अपना आयुष्मान कार्ड बना सकता है। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए सरकार द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं राज्य सरकार के फील्ड स्तरीय कार्मिकों के सहयोग से आयुष्मान कार्ड बनाने की अपील की गई है। कई जनपदों में इसके सुखद परिणाम भी आए हैं जहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने में बढ़ चढ़कर सहयोग प्रदान किया जा रहा है। योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थी आवश्यकता अनुसार ग्राम पंचायत में तैनात पंचायत सहायक, आशा वर्कर अथवा नजदीकी सूचीबद्ध अस्पताल में तैनात आरोग्य मित्र के माध्यम से भी अपना कार्ड निशुल्क बनवा सकते हैं। योजना के अंतर्गत पात्र परिवार को प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है। प्रदेश में योजना के लाभार्थियों के उपचार हेतु 3600 से भी अधिक निजी एवं सरकारी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है । इन अस्पतालों में सामान्य बीमारियों से लेकर कैंसर, हृदय रोग, अंग प्रत्यारोपण जैसी गंभीर बीमारियों का भी उपचार संभव है।