लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विगत साढ़े 6 वर्षों में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक बेहतर हुई हैं। प्रदेश में एक ओर चिकित्सा, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हो रही है, वहीं परम्परागत चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित करने का कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो प्रयास प्रारम्भ किए गए उसके परिणाम सबके सामने हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में ‘मिशन रोजगार’ के अन्तर्गत निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया द्वारा चयनित 278 सहायक आचार्य, 2,142 स्टाफ नर्स एवं 48 आयुष चिकित्सा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने नवचयनित 05 चिकित्सा शिक्षकों, 07 स्टाफ नर्सों एवं 05 आयुष चिकित्सा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए।
इसके पश्चात, मुख्यमंत्री ने 674 एम्बुलेंस एवं 81 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस का हरी झण्डी दिखाकर लोकार्पण किया। कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा, आयुष एवं स्वास्थ्य सेवाओं से सम्बन्धित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति के पास कितनी भी धन सम्पदा क्यों न हो यदि उसका स्वास्थ्य उत्तम नहीं है, तो इसका कोई मूल्य नहीं है। हमारी परम्परा भी कहती है कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’ अर्थात् धर्म के जितने भी साधन हैं, वह सभी स्वस्थ शरीर से ही सम्भव होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज एलोपैथी और आयुष से जुड़े हुए लगभग ढाई हजार नियुक्ति पत्रों का वितरण किया जा रहा है। यह प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की उत्तरोत्तर प्रगति और सुदृढ़ीकरण की दिशा में शुभ संकेत है। वर्ष 2017 के पूर्व प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में पिछड़ा हुआ था। यहां के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। विगत साढ़े 6 वर्षों में किए गए प्रयास का परिणाम है कि आज लोग उत्तर प्रदेश का नाम गर्व से लेते हैं। डबल इंजन सरकार द्वारा विकास के कार्य तेज गति से आगे बढ़ाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक केवल 12 मेडिकल कॉलेज बन पाए थे। वर्ष 2017 के पश्चात 18 मेडिकल कॉलेज क्रियाशील हो चुके हैं तथा 14 नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो रहा है। नवीन मेडिकल कॉलेजों में इस सत्र और अगले सत्र में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी। मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्सेज के कार्यक्रम भी प्रारम्भ हांे, इसके लिए ‘मिशन निरामया’ के अन्तर्गत एक बड़े अभियान को आगे बढा़ने का कार्यक्रम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ स्वास्थ्य क्षेत्र की बैकबोन है। स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी के नाम पर लखनऊ में चिकित्सा विश्वविद्यालय बन रहा है। यह विश्वविद्यालय प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को संबद्ध करेगा। इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत लगभग 10 करोड़ लोगों को 05 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। आज स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में कोई भी गरीब चिकित्सा से वंचित नहीं रह सकता। इसके अन्तर्गत राजकीय जिला चिकित्सालयों, सीएचसी, पीएचसी तथा मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। यदि कोई व्यक्ति प्राइवेट अस्पताल में चिकित्सा सुविधा प्राप्त करना चाहे, तो उसके लिए 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया गया है।