बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाकर रतौंधी और अंधेपन से बचाएं



  • बुधवार से शुरू हो रहा विटामिन ए सम्पूरण अभियान
  • 2.56 करोड़ बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने का लक्ष्य

लखनऊ। बुधवार से विटामिन ए सम्पूरण अभियान शुरू हो रहा है जो 25 जनवरी तक चलेगा। इसमें नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाएगी। अभियान को सफल बनाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।  

प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा. पार्थसारथी सेन शर्मा ने बताया कि हमने विटामिन ए सम्पूरण कार्यक्रम को प्राथमिकता दी है क्योंकि साक्ष्यों से पता चलता है कि वर्ष 2013 से वर्ष 2022 तक इस पहल ने हमें 53 प्रतिशत से 90 प्रतिशत बच्चों तक पहुंचने में सक्षम बनाया है।

राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ अजय गुप्ता ने बताया कि इस बार 9 माह से पांच साल तक के 2.56 करोड़ बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अब तक 150 से ज्यादा स्वास्थ्य विभाग व आईसीडीएस के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है और वे जमीनी स्तर पर हितधारकों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नियमित टीकाकरण के महाप्रबंधक डा. मनोज शुकुल ने बताया कि बच्चों में अंधापन, रतौंधी व दस्त और निमोनिया जैसी स्थितियों को रोका जा सकता है तथा रोगों से लड़ने की क्षमता विकसित कर बाल मृत्यु दर पर अंकुश लगाया जा सकता है। विटामिन ए सम्पूरण इसमे अहम भूमिका निभाता है। इसलिए अपने बच्चो को विटामिन ए की खुराक जरूरु पिलाएँ।

उन्होंने बताया कि बच्चों को विटामिन ए की खुराक देने से शरीर की एपिथीलियल लेयर मजबूत होती है। यह परत हर बच्चे के रेस्पेरेटरी ट्रैक यानि श्वसन तंत्र में भी होती है। उन्होंने बताया कि यदि बच्चे के रेस्पेरेटरी ट्रैक की एपिथीलियल लेयर मजबूत रहेगी तो इसमें संक्रमण की संभावना कम होती है। साथ ही बैक्टीरिया व वायरस के श्वसन तंत्र से भीतर जाने की गुंजाइश भी काफी कम हो जाती है।

क्यों है विटामिन ए जरूरी : विटामिन ए पीले, लाल और हरे फलों तथा सब्जियों में पाया जाता है इसलिए आम, पपीता, गाजर,  पालक आदि के सेवन जरूर करें और बच्चों को भी इनका सेवन कराना सुनिश्चित करें।