डॉ. सूर्यकान्त श्याम कृष्णा मेमोरियल ओरेशन अवार्ड से सम्मानित



लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त को चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रोनोमेडिसिन ने “श्याम कृष्णा मेमोरियल ओरेशन अवार्ड” से सम्मानित किया है। डॉ. सूर्यकान्त को यह अवार्ड उनके द्वारा खर्राटे और ऑब्सट्राक्टिव स्लीप एपनिया के क्षेत्र में उल्लेखनीय शोध कार्यों के लिए दिया गया है।

ज्ञात हो कि यह अवार्ड, चिकित्सा के क्षेत्र में प्रकाशित उत्कृष्ट शोध पत्रों की संख्या के आधार पर दिया जाता है। डॉ. सूर्यकान्त के अब तक 800 से अधिक शोधपत्र  (जिसमें 21 पुस्तकें, 70 बुक चेप्टर्स भी शामिल हैं ) प्रकाशित हो चुके हैं। ऑब्सट्राक्टिव स्लीप एपनिया विषय पर शोध के लिए दो अमेरिकी पेटेन्टस भी प्राप्त हो चुके हैं। डॉ. सूर्यकान्त के चिकित्सा के क्षेत्र में दिये गये अमूल्य योगदान के लिए इससे पहले भी 15 ओरेशन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। हाल ही में डॉ. सूर्यकान्त को ’’डॉक्टर ऑफ साइंस (डी.एस.सी.)’’ की (मानद उपाधि) से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने 29 जुलाई 2023 को नई शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी की गई हिंदी की 100 पुस्तकों में से दो हिंदी पुस्तकों का भी योगदान दिया है। डॉ. सूर्यकान्त केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में लगभग 18 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं एवं 12 वर्ष से विभागाध्यक्ष के पद पर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर पुस्तकें तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं लंग कैंसर के क्षेत्र में शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। इसके साथ ही लगभग 200 से अधिक एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक परियोजनाओं का निर्देशन, 22 फैलोशिप्स, 16 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उनके नाम जाता है। इससे पहले भी अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन आदि संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 22 फैलोशिप सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है तथा ब्रोन्कियल अस्थमा के क्षेत्र में बेस्ट इनोवेशन (एलएस लोवेश पुरस्कार) 2006 भी शामिल है। उन्हें उप्र सरकार द्वारा विज्ञान गौरव अवार्ड (विज्ञान के क्षेत्र में उप्र का सर्वोच्च पुरस्कार) और केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा एवं उप्र हिन्दी संस्थान से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगभग 196 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।

डॉ. सूर्यकान्त जोनल टास्क फोर्स नार्थ जोन (क्षय उन्मूलन) के चेयरमैन भी हैं, विगत कई वर्षों से टी.बी. उन्मूलन में उप्र का देश में नेतृत्व कर रहे हैं। इसके साथ ही साथ टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार करने हेतु निरन्तर प्रयत्नशील हैं, उन्होने लखनऊ के गाँव अर्जुनपुर व मलिन बस्ती ऐशबाग, लखनऊ को टी.बी. मुक्त बनाने के हेतु गोद लिया है। वे प्रिंट/इलेक्ट्रानिक तथा सोशल मीडिया के माध्यम से टी.बी. के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य भी करते रहते हैं।