बुन्देलखण्ड को पर्यटन गतिविधियों से जोड़कर इसका पिछड़ापन दूर करने का हरसंभव प्रयास किया जायेगा-जयवीर सिंह



  • 23 जनवरी से 18 फरवरी तक बुन्देलखण्ड के 07 जनपदों में पर्यटन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि आगामी 23 जनवरी से 18 फरवरी, 2024 तक बुन्देलखण्ड गौरव महोत्सव का आयोजन बुन्देलखण्ड के 07 जनपदों में किया जायेगा। इसके तहत विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पर्यटकों एवं सैलानियों को बुन्देलखण्ड के लगभग सभी जनपदों में मौजूद ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पौराणिक महत्व के स्थलों के बारे में जानकारी दी जायेगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड के पिछड़ेपन को दूर करने में पर्यटन की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी, क्योंकि एक पर्यटक कम से कम 06 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करता है।

पर्यटन मंत्री आज पर्यटन भवन के सभागार में बुन्देलखण्ड गौरव महोत्सव की रूपरेखा एवं इससे संबंधित ’’लोगो’’ के अनावरण के अवसर पर प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 23 जनवरी से शुरू हो रहे 16 दिवसीय बुन्देलखण्ड गौरव महोत्सव के तहत झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट तथा बांदा में विभिन्न कार्यक्रम एवं हेरीटेज वॉक का आयोजन किया जायेगा। यह कार्यक्रम 23 जनवरी को झांसी के किले से शुरू होकर 18 फरवरी को बांदा जनपद के कलिंजर फोर्ट में समाप्त होगा। जयवीर सिंह ने बताया कि बुन्देलखण्ड अपने गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक इमारतों और प्राकृतिक सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है। हर जिले की अपनी अलग पहचान, भेष-भूषा, खान-पान तथा सांस्कृतिक विविधता है। इस कार्यक्रम के दौरान यहां की विविधता को पूरे विश्व से परिचित कराने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में लगभग 34 किले गढ़ी तथा ऐतिहासिक इमारतें हैं। पर्यटन विभाग राजस्थान प्रदेश की तर्ज पर इनका पुनर्रोद्धार और सौन्दर्यीकरण करके पीपीपी मोड पर संचालित कराना चाहता है। फिलहाल बरूआ सागर तथा चुनार के किलों के फाइनल बिड खोली गयी है। मध्य प्रदेश में स्थित बुन्देलखण्ड की तरह ही उप्र में स्थित बुन्देलखण्ड का विकास किया जायेगा।

जयवीर सिंह ने कहा कि स्थानीय जनजीवन को आर्थिक गतिविधियों से जोड़कर बुन्देलखण्ड का पिछड़ापन दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। भविष्य में बुन्देलखण्ड उप्र के ग्रोथ इंजन के रूप में कार्य करेगा। मीडिया एवं सोशल मीडिया की बुन्देलखण्ड को पिछड़ेपन के कुचक्र से निकालने में ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग के रूप में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के समय प्रधानमंत्री जी बुन्देलखण्ड के गौरवशाली इतिहास एवं किलो को पुनर्जीवित करके आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने का जिक्र किया था। पर्यटन विभाग इस दिशा में तेजी से कार्यवाही कर रहा है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य मुकेश मेश्राम ने बुन्देलखण्ड गौरव महोत्सव की जानकारी देते हुए बताया कि बुन्देलखण्ड के हर जिले में ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के स्थल मौजूद हैं। झांसी की रानी से लेकर आल्हा ऊदल की गौरव गाथा के बिना बुन्देलखण्ड अधूरा है। 16 दिवसीय समारोह की श्रृंखला में बुन्देलखण्ड को विश्व स्तरीय पर्यटन से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा। इसके अलावा देशी-विदेशी ब्लागर एवं इन्फ्लूएन्सर के माध्यम से इस क्षेत्र का प्रचार प्रसार कराया जायेगा।