स्वास्थ्य सचिव सहित कई अधिकारियों ने किया फाइलेरियारोधी दवा का सेवन



लखनऊ - राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में 10 से 28 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन अभियान चल रहा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य सचिव रंजन कुमार, विशेष सचिव विनोद कुमार, पांच समीक्षा अधिकारी और अपर निदेशक, डा. एमके सिंह ने  फाइलेरियारोधी दवा आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजोल का सेवन किया। इन दवाओं का सेवन स्वयं जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने करवाया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि लोग फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें। इन दवाओं के सेवन से ही फाइलेरिया से बचा जा सकता है। फाइलेरिया से बचाव की दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है। इससे बचाव ही प्रमुख विकल्प है। इस बीमारी का केवल प्रबंधन ही किया जा सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आईडीए अभियान के तहत लगातार तीन साल तक फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ. गोपीलाल ने कहा कि  यह दवा गर्भवती, दो साल से कम आयु के बच्चों और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है। फाइलेरिया से बचाव के लिये जरूरी है कि फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें और मच्छरों से बचें।

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि उच्चाधिकारियों ने अभियान में सहभाग करते हुए फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया और अपने-अपने कार्यालयों में अधीनस्थों से दवा का सेवन करने की अपील की। उन्होंने बताया कि अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर), पीसीआई और पाथ संस्थाएं सहयोग कर रही हैं। इसके साथ ही जनपद के पांच ब्लॉक बक्शी का तालाब, मोहनलालगंज, माल, सरोजिनी नगर और काकोरी में पेशंट नेटवर्क के सदस्य समुदाय को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने के लिए जागरूक कर रहे हैं।