केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने फाइलेरिया अभियान की प्रगति का लिया जायजा



  • जिला स्तरीय अधिकारियों और सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने बिंदौआ गांव का किया भ्रमण
  • फाइलेरिया मरीजों ने आशा संग इनकार परिवारों को दवा खाने के लिए किया तैयार
  • इंकार किए हुए 50 लोगों ने किया फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन
  • 10  फरवरी  से शुरू हुआ आईडीए राउंड 28 फरवरी तक चलेगा

लखनऊ - फाइलेरिया अभियान की प्रगति जानने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव  राजीव मांझी  ने रविवार को मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भ्रमण किया । सीएचसी पर संयुक्त सचिव ने नोडल अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से मिलकर आईडीए अभियान की  प्रगति का जायजा लिया।

संयुक्त सचिव अभियान की प्रगति से संतुष्ट दिखे और उन्होंने कहा कि इस बात का प्रचार प्रसार करने की जरूरत है कि फाइलेरियारोधी दवा  सेवन के बाद उल्टी, खुजली, सिर दर्द या जी मिचलाना दवा का सकारात्मक प्रभाव (एफडीआर) है । इससे पता चल गया कि व्यक्ति में फाइलेरिया के परजीवी थे और फाइलेरिया रोधी दवा सेवन के बाद परजीवियों के मरने के कारण यह प्रभाव दिखे।

इस मौके पर राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. गोपीलाल, जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव, सीएचसी अधीक्षक डा. अशोक कुमार,विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित सहयोगी  संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर), पाथ, पीसीआई के प्रतिनिधि, मलेरिया इंस्पेक्टर और सीएचसी का स्टाफ मौजूद रहा ।

इसी क्रम में  संयुक्त सचिव की बैठक के बाद सभी ने  मोहनलालगंज ब्लॉक के बिंदौआ गांव का भ्रमण किया  और देखा कि आशा  कार्यकर्ता छूटे हुए घरों में फाइलेरियारोधी दवा खिला रही हैं और जिन लोगों ने दवा खाने से मना किया है उन्हें फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्य दवा खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं ।  इस क्रम में फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्य रामकुमार त्रिवेदी, कृपा शंकर गोस्वामी और बदाला ने मिलकर कुल 50 लोगों को दवा खाने के लिए  प्रेरित किया जिसके बाद उन सभी ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया ।