यूपी को फाइलेरिया मुक्त बनाने को मिलकर करें प्रयास : डॉ. तनु जैन



  • सीएचसी इंटौजा के गाँवों में पहुंचकर केन्द्रीय टीम ने परखी आईडीए अभियान की प्रगति
  • नगरीय क्षेत्रों का भी किया भ्रमण, सभी से अभियान से जुड़ने की अपील की

लखनऊ । राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में 10 से 28 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में आईडीए अभियान की प्रगति  और  आमजन से अभियान के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए  केंद्रीय  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम की संचालक डॉ. तनु जैन और टीम शुक्रवार को इटौंजा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत पहाड़पुर गांव पहुंची।
 
इस मौके पर डॉ. तनु जैन ने सबसे पहले आशा कार्यकर्ता से फाइलेरिया अभियान के बारे में जानकारी ली और उसके बाद फाइलेरियारोधी दवा सेवन से मना करने वाले परिवारों के बारे में जानकारी ली। उसके बाद वह टीम के साथ ऐसे परिवारों के घर पहुँचीं जिन्होंने फाइलेरियारोधी दवा सेवन से मना कर दिया था। उन्होंने फाइलेरिया रोधी दवा खाने से मना करने वाली बिट्टो को दवा का महत्व समझाया और बताया कि दवा न खाने से वह फाइलेरिया की शिकार हो सकती है क्योंकि वह फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्र में रहती हैं। डा. तनु जैन ने यह भी समझाया कि यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनके सेवन से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके बाद महिला ने खुद फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया और बच्चों को भी कराया, सभी स्वस्थ हैं। इससे पहले बिट्टो ने आशा कार्यकर्ता से कहा था कि उसका इलाज चल रहा है और उसने बच्चों को भी दवा नहीं खिलाई, उसे डर था कि दवा उसे नुकसान पहुंचाएगी। डॉ. तनु जैन ने इस दौरान ग्राम प्रधान से भी मुलाकात की और  फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सहयोग करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और अभियान में सभी को फाइलेरियारोधी दवा को खिलाने की जिम्मेदारी लेने की बात कही ।   

डा. तनु जैन फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्यों रामलली, रेखा अग्निहोत्री, रेनू सोनी, रामकली, राम अवतार और मुख्तार अली से भी मिलीं। रेखा से उन्होंने रुग्णता  प्रबंधन और दिव्यांगता उपचार (एमएमडीपी) के बारे में पूछा तो रेखा ने बताया कि उन्हें एमएमडीपी किट भी मिली है और प्रशिक्षण भी मिला है। वह नियमित व्यायाम भी करती हैं और एमएमडीपी किट का उपयोग करते हुए फाइलेरिया  प्रभावित अंगों की देखभाल करती हैं । रामलली सहित अन्य फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्यों ने बताया कि वह गाँव में कोटेदार की दुकान, पंचायत घर, विद्यालयों में जाकर लोगों को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

केन्द्रीय टीम के साथ क्षेत्रीय निदेशालय की टीम, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी,  एसीएमओ वीबीडी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इटौंजा के चिकित्सा अधीक्षक, जिला मलेरिया अधिकारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित स्वयंसेवी संस्था चाई, सेंटर फॉर एडवोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफॉर),  पाथ के  अधिकारी और पीसीआई  के प्रतिनिधि  भी उपस्थित रहे।

सीएचसी में हुई टीम की बैठक में डॉ. तनु जैन ने कहा कि अभियान बहुत अच्छा चल रहा है । डा. तनु ने इस बात पर जोर दिया कि समुदाय को इस बारे में जागरूक किया जाए कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाले बीमारी है और इससे बचाव का प्रमुख विकल्प है कि साल में एक बार फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया जाए । अगर हम साथ मिलकर कोशिश करेंगे तो उत्तर प्रदेश जल्द ही फाइलेरिया मुक्त हो जाएगा। उन्होंने अभियान में मेडिकल कॉलेज की निगरानी और सहयोग लेने को भी कहा, जिसके बाद टीम टुड़ियागंज सहित शहरी इलाकों इंदिरानगर, अलीगंज  आदि का दौरा किया और लोगों से मिलकर उन्हें फाइलेरियारोधी दवा सेवन के लिए प्रेरित किया। डा. तनु ने डॉ. राम मनोहर लोहिया मेडिकल इंस्टिट्यूट के सीएमएस से भी भेंट की और वहाँ विद्यार्थियों को फाइलेरिया बीमारी पर विशेष शोध और सामुदायिक सहभागिता हेतु विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने की सलाह दी।