- पांच मार्च तक बढ़ाया गया एमडीए अभियान
- खाली पेट नहीं खाएं फाइलेरिया रोधी दवा
लखनऊ - फाइलेरिया उन्मूलन के प्रति प्रदेश सरकार की गंभीरता का असर देखने को मिल रहा है। सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान में बुधवार तक दो करोड़ 95 लाख 76 हजार 242 यानि 83 प्रतिशत लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर लिया है जबकि कुल तीन करोड़ 55 लाख 69 हजार 434 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। अभियान अभी पांच मार्च तक चलेगा।
डॉ भानु प्रताप सिंह कल्याणी, अपर निदेशक, फाइलेरिया ने गुरुवार को कार्यक्रम की समीक्षा बैठक के बाद बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान की प्रगति काफी अच्छी है। वर्तमान में प्रदेश में फाइलेरिया प्रभावित 51 जिले हैं। अभियान की सफलता के लिए 56 हजार 728 स्वास्थ्यकर्मी, 28 हजार 364 टीमें और सात हजार पर्यवेक्षक लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के हर दिन के आंकड़े ई-कवच पोर्टल पर दर्ज किए जा रहे हैं। राज्य जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम की निगरानी और समीक्षा नियमित की जा रही है। सभी स्वास्थ्य टीम को निर्देश है कि फाइलेरिया रोधी दवा अपने सामने ही खिलाएं और खिलाने से पहले व्यक्ति को बीमारी व दवा संबंधी जानकारी दें। किसी भी व्यक्ति को खाली पेट दवा न खिलाएं। उन्होंने बताया कि इस दवा का सेवन दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर सभी को करना है। उन्होंने बताया कि राजधानी लखनऊ के शहरी क्षेत्र में बूथ लगाकर दवा सेवन कराया जा रहा है। यदि आपने अब तक दवा नहीं खाई है तो आप सभी अपने निकटतम बूथ या स्वास्थ्य इकाई पर जा कर दवा सेवन अवश्य करें।
मौका न खोएं : डॉ रमेश सिंह ठाकुर, राज्य कार्यक्रम अधिकारी, फाइलेरिया ने बताया कि फाइलेरीया रोधी दवा का सेवन साल में सिर्फ एक बार करना होता है। लगातार पांच साल तक इस दवा का सेवन कर हम जीवन भर के लिए इस लाइलाज बीमारी से बचे रह सकते हैं। इसलिए आप यह मौका न खोएं। इस दवा का सेवन जरूर करें। अभियान में अपना सहयोग दें। उन्होने यह भी कहा कि राजधानी लखनऊ के शहरी क्षेत्र में बूथ लगाकर दवा सेवन कराया जा रहा है यदि आपने अब तक दवा नहीं खाई है तो आप सभी अपने निकटतम बूथ या स्वास्थ्य इकाई पर जा कर दवा सेवन अवश्य करें।
दवा के सकारात्मक प्रभाव से घबराएं नहीं बल्कि खुश हों : एम्स रायबरेली के सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ भोलानाथ ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमित शरीर में कुछ प्रभाव देखने को मिलते हैं। जैसे सिरदर्द, मतली, चक्कर जैसी दिक्कत फाइलेरिया रोकथाम दवाएं खाने के बाद के सकरात्मक संकेत हैं। यह संकेत बताते हैं कि दवा असरदार है और माइक्रो फाइलेरिया को नष्ट कर रही है। जैसे कि टीकाकरण में हम बुखार के लक्षणों को एंटीबॉडी के आक्रमण होने के लक्षण के रूप में देखते हैं। फाइलेरिया के मामले में भी ऐसा होता है। इन प्रभावों से घबराने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि खुश होना चाहिए कि आप करीब 15 वर्ष बाद पता चलने वाली एक घातक बीमारी से मुक्त हो रहे हैं। यह प्रभाव सिर्फ कुछ देर में स्वतः समाप्त हो जाते हैं।