एजुकेटली –अर्श फॉर यू -डिजिटल कोर्स का भारत स्काउट गाइड के लीडर्स ने लिया प्रशिक्षण



लखनऊ (डेस्क)  - भारत स्काउट और गाइड,उत्तर प्रदेश एवं पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर किशोर- स्वास्थ्य एवं कल्याण विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।उक्त कार्यशाला में भारत स्काउट और गाइड,उत्तर प्रदेश के जनपद एवं मंडल स्तरीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया तथा पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया  के नये डिजिटल पोर्टल एजुकेटली- अर्श फॉर यू पर प्रशिक्षण लिया। इस प्रशिक्षण में पूरे उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों से मंडल एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

एजुकेटली- अर्श फॉर यू इन प्रमुख मुद्दों पर प्रशिक्षण प्रदान करता है, जो की जेंडर,समाजीकरण,शारीरिक विविधता,यौनावस्था और बदलाव,सहमति और रिश्तें,गर्भधारण,गर्भनिरोधक, आर.टी.आई./एस.टी.आई.,संक्रमण और रोकथाम,यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य तथा इन्टरनेट और सोशल मीडिया का सुरक्षित उपयोग है। प्रत्येक मॉड्यूल में पठन सामग्री मल्टीमीडिया संसाधन और अन्य प्रकार से मनोरंजक सामग्री को शामिल किया गया है।

किशोरावस्था यानि 10 से 19 वर्ष की आयु,जिसमें किशोर-किशोरी उमंग और जोश से भरे होते है,पर साथ ही तेजी से होने वाले  शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलाव से जूझते भी है, इस स्थिति में पोषण और सही खानपान, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, मादक पदार्थो के सेवन से होने वाली हानि,मानसिक एवं शारीरिक चुस्ती,पढ़ाई एवं आजीविका इन सभी मुद्दों पर सही जानकारी एवं सलाह मिलना किशोर-किशोरियों में स्वस्थ्य एवं संतुलित सोच तथा व्यवहार विकसित करता है।परन्तु अधिकतम परिवारों में एवं स्कूल-कॉलेजों में भी इन मुद्दों पर किशोर-किशोरियों के साथ खुलकर चर्चा आमतौर पर नहीं हो पाती है।जिसके लिए उनमें हीनभावना,आत्मविश्वास की कमी,कुंठा और भ्रमित सोच एवं व्यवहारों का जोखिम बढ़ जाता है। इस प्रकार के जोखिम को कम करने के लिए लड़के-लड़कियों को पोषण,यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य,मानसिक संतुलन,नशा-बंदी,जीवन-कौशल इत्यादि मुद्दों पर सही और पूरी जानकारी मिलना अति आवश्यक है।इसके लिए माता-पिता,शिक्षक,स्वास्थ्य सेवा-प्रदाता,सरकारी कार्यक्रमों की,परिवार एवं समाज के अन्य हितधारियों, सभी की अहम् भूमिका है।

इसी दिशा में पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने एजुकेटली- अर्श फॉर यू ऑनलाइन कोर्स को आज भारत स्काउट गाइड के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए शुभारंभ किया गया ,इसका उद्देश्य उनके शिक्षकों/ लीडरों/स्काउट मास्टर एवं रोवर तथा रेंजेर्स को महत्वपूर्ण सूत्रधार बनाने के लिए प्रशिक्षित करना है।जो किशोरों को किशोर स्वास्थ्य और कल्याण के मुद्दों पर ज्ञान,कौशल और दृष्टिकोण प्रदान कर सकते हैं एवं उन्हें सक्षम बना सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के आकड़ें बताते है कि उत्तर प्रदेश  में प्रत्येक 4  में से 1 किशोर-किशोरी (सेंसेक्स 2011 के अनुसार )  है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश  की कुल जनसंख्या का 24 .48 % किशोर-किशोरी हैं।हाल ही के राष्ट्रीय फैमिली हेल्थ सर्वे -05 (2019-21) के आकड़ों को देखा जाएँ, तो 15-19 वर्ष के लडकियों में 52.9 % एवं लड़कों में 28.2 % एनीमिक यानि उनमें खून की कमी हैं।खून की कमी का प्रभाव उनके मानसिक स्वास्थ्य,स्कूल के परिणाम एवं यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।साथ ही 15.8% महिलाओं एवं 23.0% पुरुषों की शादी उनके सही उम्र से पहले हो जाती है। जिसके कारण कम उम्र महिला माँ बन जाती है, और इससे माँ और बच्चे दोनों को परेशानी हो सकती है साथ ही उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी भी आ जाती है।

इस प्रकार एक जिम्मेदार व्यस्क के लिए और स्वस्थ दृष्टिकोण के लिए यह आवश्यक है की उनको सही उम्र में पूर्ण जानकारी प्राप्त हो। इस हेतु कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए सुश्री शिल्पा नायर,राज्य  निदेशक,पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने बताया कि संस्था ने चार राज्यों में क्रमशः उत्तर प्रदेश,मणिपुर,झारखंड और दिल्ली राज्य में विभिन्न हितधारकों के साथ सर्वे किया है।इन हितधारकों में स्वास्थ्य अधिकारी,सामाजिक कार्यकर्ता,एन.जी.ओ.,छात्र-छात्राएं,अध्यापकों, तकनीकी विशेषज्ञ आदि से सलाह लेने पर पाया गया ,कि सभी ने एकमत से इस बात की पुष्टि की,कि किशोर-किशोरियों को निम्नवत जानकारी देना अति आवश्यक है, जिसमें उन्हें लैंगिक मुद्दों पर स्वस्थ दृष्टिकोण,लड़कियों और लड़कों को एक दूसरे के अधिकारों के प्रति सम्मान करना,यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, हिंसा के खिलाफ और दुर्व्यवहार आदि से सम्बन्धित आयु अनुरूप और सही जानकारी प्राप्त हो।

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति के उददेश्य संख्या चार के अनुसार पाया गया कि पोषण तथा यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य एक प्रमुख मुद्दा है, जिसके लिए हेल्थ क्लब,डिजिटल टूल, के साथ ही राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम और स्कूल हेल्थ कार्यक्रम का विस्तार भी किया जाना है।

इस हेतु भारत स्काउट और गाइड के  प्रादेशिक संगठन कमिश्नर स्काउट श्री राजेंद्र सिंह हंसपाल एवं प्रादेशिक संगठन कमिश्नर गाइड श्रीमती कामिनी श्रीवास्तवा ने बताया इस कार्यक्रम का प्रशिक्षण आज जनपद एवं मंडलीय अधिकारियों ने प्राप्त किया है, और इनके माध्यम से ये सभी 75 जनपदों में स्काउट मास्टर्स/लीडरों और रोवर्स/रेंजर्स को प्रदान किया जायेगा, जिनके द्वारा इसका लाभ किशोर-किशोरियों को प्राप्त होगा।

इस कार्यक्रम में भारत स्काउट गाइड के जनपद एवं मंडलस्तरीय अधिकारी शामिल होकर प्रशिक्षण प्राप्त किया और शीध्र ही इसकी पहुँच प्रदेश के 75 जनपदों तक होगी ।जिसमें मुख्य रूप से रविन्द्र कौर,नौशाद सिद्दीकी,पूनम संधू,हीरा लाल,आदि सम्मिलित हुए ।