- राज्यपाल की पहल पर टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लेकर संवार रहे भविष्य
- अब टीबी ग्रसित वयस्क पुरुष व महिलाओं को भी गोद लेने की तैयारी
लखनऊ - प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर हमेशा संजीदा रहती हैं, यही कारण है कि उन्होंने वर्ष 2019 में प्रदेश की कमान संभालने के साथ ही टीबी यानि क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को जल्द से जल्द बीमारी की जद से बाहर निकालकर सुनहरे भविष्य की राह आसान बनाने में जुटीं हैं । उन्होंने वर्ष 2019 में इन बच्चों को गोद लेने की अपील शिक्षण संस्थानों, अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से भी की थी । इसका सुखद परिणाम यह रहा कि अब तक सूबे में करीब 38,047 टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लिया जा चुका है । इन बच्चों को पोषण सामग्री प्रदान करने के साथ ही उनके घर-परिवार वालों के साथ बैठकर उनका मनोबल बढ़ाने का भी कार्य किया जा रहा है ताकि बच्चे जल्दी बीमारी को मात दे सकें । विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) पर इन बच्चों को नई जिन्दगी देने में जुटे हर किसी के प्रति ‘सैल्यूट’ करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य बनता है ।
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता का कहना है कि राज्यपाल और उन संस्थाओं के साथ ही उन लोगों के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने इन बच्चों का भविष्य संवारने के लिए उन्हें गोद लेकर उन्हें पोषण सामग्री प्रदान करने के साथ ही भावनात्मक सहयोग देने में जुटे हैं । ऐसे में टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लेने के साथ ही उन बच्चों के घर जाकर उनकी पारिवारिक स्थितियों का पूरी तरह आंकलन कर उनकी जरूरत की सामग्री प्रदान करने में जुटे लोग सराहना के पात्र हैं ।
डॉ. गुप्ता का कहना है कि राज्यपाल की इस मुहिम की सफलता के बाद अब टीबी ग्रसित वयस्क पुरुष व महिलाओं को भी गोद लेकर और उनका समुचित ख्याल रखकर उन्हें स्वस्थ बनाने की तैयारी है । देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के संकल्प को पूरा करने में यह मुहिम बहुत ही सहायक साबित होगी । संस्थाएं जिन टीबी ग्रसित को गोद लेती हैं उनको हर माह पोषक खाद्य पदार्थ (भुना चना, मूंगफली, गुड़,सत्तू, गजक आदि ) मुहैया कराती हैं । इसके अलावा नियमित रूप से दवा सेवन को भी सुनिश्चित कराया जाता है क्योंकि बीच में दवा छोड़ना बीमारी को गंभीर बना सकता है । इन मरीजों को भी इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह 500 रूपये बैंक खाते में दिए जाते हैं ।