सिंचाई की नई तकनीक को सीखने और अमल में लाने की जरूरत : डॉ. हीरा लाल



  • आधुनिक ड्रोन टेक्नालॉजी के प्रयोग पर तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

लखनऊ। कमाण्ड एरिया डेवलपमेन्ट थ्रू माइक्रो एरिगेशन (सर्वे एवं प्लानिंग) पर आधुनिक ड्रोन टेक्नालॉजी के प्रयोग पर शुक्रवार को स्थानीय एक होटल में तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गयी। कार्यशाला सर्वे एवं प्लानिंग से जुड़ी संस्थाओं के तत्वावधान में ग्रेटर शारदा सहायक समादेश के सहयोग से आयोजित की गयी।

 इस मौके पर डॉ. हीरा लाल, अध्यक्ष एवं प्रशासक, ग्रेटर शारदा ने सर्वे एवं प्लानिंग के लिए जमीनी स्तर पर कार्यवाही को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि बिना टेक्नालॉजी के किसी भी परियोजना के उद्देश्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता। सर्वे एवं प्लानिंग में ड्रोन टेक्नालॉजी की उपयोगिता पर बल देते हुए उन्होंने इसे जरूरी और मजबूरी बताया। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्र में सर्फेस वाटर के माध्यम से माइक्रो एरिगेशन को लागू करने के लिए प्रोजेक्ट बनाकर 15 दिन में प्रस्तुत करें। उन्होंने युद्ध स्तर पर कार्य करने, नई तकनीक सीखने और इसे अमल में लाने को आज की सबसे बड़ी जरूरत बताया।

इससे पहले तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए मुख्य अतिथि अजय दीप सिंह सेवानिवृत्त आईएएस ने सर्वे एवं प्लानिंग में ड्रोन टेक्नालॉजी को आवश्यक बताते हुये इस पर दिये जा रहे प्रशिक्षण की प्रशंसा की तथा अपने पूर्व प्रशासनिक अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कोई भी उद्देश्य तभी पूर्ण हो सकता है, जब उसके पीछे ईमानदारी और लगन हो। प्रशिक्षण कार्यक्रम में रजनीश प्रकाश चौधरी, अधीक्षण अभियन्ता ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में राजीव यादव, अपर आयुक्त, ग्रेटर शारदा ने कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या है, जिससे निपटने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग में जागरूकता की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन से जल संरक्षण एवं जल संरक्षण के लिए माइक्रो एरिगेशन की नवीन पद्धतियों की जानकारी अत्यन्त आवश्यक है। अनिरुद्ध सिंह प्रतिनिधि, सिटी मान्टेसरी स्कूल ने इस तरह के प्रशिक्षण को अनिवार्य बताया।

कार्यशाला में कई तकनीकी सत्र आयोजित किये गये, जिनमें विभाग के अधिकारियों तथा सर्वे एवं प्लानिंग से जुड़ी संस्थाओं के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा सर्वे, प्लानिंग, डिजाइनिंग, बेनिफिट ऑफ मार्डन टेक्नालॉजी, एडवांस मैपिंग टेक्नालॉजी, जियोटैग आधारित ड्रोन टेक्नालॉजी पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में एपीएसएल सैल्युशन, एडवांस जियोटैग सैल्युशन, कल्यानी जियोटैग, पीसीएस मैंनेजमेंट कन्सलटेन्सी, प्योरवेज इन्फा, बिजनेस इनोवेशन, एलआरएम कंल्सटेन्स एवं ऐरोडाइन इण्डिया द्वारा तथा विभागीय तकनीकी अधिकारियों द्वारा सर्वे एवं प्लानिंग से जुड़ी हुई विभिन्न तकनीक पर प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम में ग्रेटर शारदा सहायक समादेश के समस्त उप निदेशक, भूमि संरक्षण अधिकारी, अवर अभियन्ता, सहायक भूमि संरक्षण निरीक्षक एवं अन्य तकनीकी अधिकारियों, कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन संदीप कुमार, डायरेक्टर सेल, एपीएसएल सैल्युशन, नई दिल्ली द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।