टीबी मरीजों के सहयोग को आगे आये निक्षय मित्र



लखनऊ - राष्ट्रीय क्षय (टीबी)उन्मूलन कार्यक्रम(एनटीईपी) के तहत बृहस्पतिवार को जिला क्षय रोग केंद्र पर क्षय रोगियों को गोद लेने का कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसके तहत स्वयं सिद्धा वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा दो बच्चों सहित पांच क्षय रोगियों को गोद लिया गया और उन्हें पोषण पोटली दी गई। पोषण पोटली में चना, सोयाबीन, सत्तू, गुड़, दलिया और फल थे।

इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए.के सिंघल ने उपस्थित टीबी रोगियों से कहा कि यह  जो पोषण  पोटली दी गई है उसका सेवन जरूर करें क्योंकि टीबी की जो दवाएं दी जाती हैं उनकी तासीर बहुत गर्म होती है । इसलिए इन दवाओं के साथ प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन बहुत जरूरी होता है । यह पोषण पोटली आपके लिए है न कि परिवार के किसी अन्य सदस्य के लिए। यह पोषण पोटली आपको तब तक दी जाएगी जब तक कि आपका टीबी का इलाज चल रह रहा है। उन्होंने क्षय रोगियों से नियमित रूप से दवाओं का सेवन करने की अपील करते हुए कहा कि दवाओं के सेवन करने के तीन- चार माह बाद यह लगे कि आप ठीक हो गए हैं  और दवा का सेवन बंद कर दें यह बिल्कुल भी सही नहीं है । आपको दवाओं का सेवन नियमित रूप से  तब तक करना है जब तक कि चिकित्सक दवाओं का सेवन बंद करने के लिए नहीं कहता है । अपने आप दवाओं का सेवन बंद नहीं करना है।

क्षय रोगियों को गोद लेने की योजना के तहत  इलाज के दौरान निक्षय मित्रों के माध्यम से क्षय रोगियों को गोद लिया जाता है जिससे कि उन्हें दवाओं के साथ पौष्टिक एवं प्रोटीनयुक्त पदार्थ मुहैया कराए जाएं और भावनात्मक सहयोग दिया जाए ।   
 
जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा कि अगर परिवार में किसी बच्चे को टीबी है तो इसका मतलब है कि परिवार में या आस-पास किसी को टीबी है । ऐसे में उस क्षय रोगी की पहचान की जाए और यदि वह इलाज नहीं करा रहा है तो उसकी  जांच कर टीबी की पुष्टि होने पर इलाज शुरू किया जाए।

इस मौके पर निक्षय मित्र के रूप में आगे आई वेलफेयर फाउंडेशन की माया यादव ने बताया कि सरकार क्षय रोगियों के  लिए अनेक योजनाएं चला रही है है । हमने भी सरकार की इस मुहिम में शामिल होने का निर्णय  लिया। जिला क्षय रोग केंद्र पर जब हमें पता चला कि बहुत से ऐसे गरीब परिवार हैं जिन्हें टीबी की दवाएं तो जिला क्षय रोग केंद्र से मिल जाती हैं लेकिन वह  प्रोटीनयुक्त खाना खाने में असमर्थ है । इसलिए हमने ऐसे क्षय रोगियों को गोद लेने का निर्णय लिया । यह हमारा पहला प्रयास है , आगे भी हम और क्षय रोगियों को गोद लेंगे। इस मौके पर 70 वर्षीय वृद्ध महिला  के बेटे को  पोषण पोटली दी गई क्योंकि वह आने में असमर्थ थी। इसके अलावा बच्चियों को फाउंडेशन द्वारा टी शर्ट दी गई।

क्षय रोगी छह वर्षीय प्रियंका (बदला हुआ नाम) की मां ने कहा कि उन्हें जो खाने पीने का सामान दिया है वह अपनी बेटी को ही खिलाएंगे। उनको यहां जब बुलाया गया था तो यह बताया गया था कि उन्हें पोषण पोटली दी जाएगी उसका सेवन अपनी बेटी को कराना है।

इस मौके पर सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर(एसटीएस)अभय चंद्र मित्रा, सौमित्र मिश्र, राजीव कुमार, पीपीएम रामजी वर्मा, स्वयं सिद्धा वेलफेयर फाउंडेशन से रोली टंडन, अनुराधा और एनटीईपी के सदस्य मौजूद थे।