भारत में हर साल 21 लाख लोगों की वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से मौत : डॉ. सूर्यकान्त



  • वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ‘लखनऊ फोरम फॉर क्लीन एयर’ का शुभारम्भ  

लखनऊ। केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन डिपार्टमेंट के अध्यक्ष और डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर एंड क्लाइमेट एक्शन (डीएफसीए) की राष्ट्रीय कोर समिति के सदस्य डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि भारत में हर साल करीब 21 लाख लोगों की वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से मौत हो जाती है। हालिया रिपोर्ट बताती है कि भारत दुनिया का सबसे प्रदूषित देश है, जहाँ दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में से 83 शहर भारत में ही हैं। इस खतरे को गंभीरता से लेना और कदम उठाना हम सभी की ज़िम्मेदारी है। दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाकर और समुदाय के रूप में साथ मिलकर काम करके स्वच्छ हवा की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं - याद रखें स्वच्छ हवा ही जीवन है।

डॉ. सूर्यकान्त ने यह बात बृहस्पतिवार को ‘लखनऊ फोरम फॉर क्लीन एयर’ शुभारम्भ के दौरान कही। वायु प्रदूषण से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए लंग केयर फाउंडेशन ने अपने कार्यक्रम डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर एंड क्लाइमेट एक्शन के माध्यम से टेक्नो ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, लखनऊ के सहयोग से इसका शुभारम्भ किया है। यह सहयोगी पहल शहर भर के मेडिकल पेशेवरों, युवाओं और हितधारकों को 'वायु मित्र अभियान फॉर क्लीन एयर' के माध्यम से एक साथ लाने के लिए है। इस अभियान का लक्ष्य जागरूकता बढ़ाना और युवाओं की ऊर्जा और जोश का इस्तेमाल करते हुए स्वच्छ हवा के लिए कार्रवाई योग्य समाधान विकसित करना है।

 कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के चेयरमैन आर. के. अग्रवाल की अध्यक्षता में दीप प्रज्वलन और अतिथियों के स्वागत के साथ हुई। इसके बाद लंग केयर फाउंडेशन की उप निदेशक डॉ. कार्मिन उप्पल द्वारा अभियान के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद टेक्नो ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के प्रबंध निदेशक ऋषि अग्रवाल ने अपने विचार व्यक्त किये। डॉ. सूर्यकान्त ने इसके बाद लखनऊ फोरम फॉर क्लीन एयर, वायु मित्र की अवधारणा, लखनऊ में वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों और उनके संबंधित स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इस जटिल परिस्थिति से निपटने के लिए हर किसी की व्यक्तिगत जवाबदेही और प्रयासों की आवश्यकता पर भी बल दिया। इसके बाद लंग केयर फाउन्डेशन के संस्थापक-ट्रस्टी राजीव खुराना ने "7 एन" की अवधारणा पर एक खुली चर्चा का नेतृत्व किया।

डीएफसीए का लक्ष्य कम उम्र में ही छात्रों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा कर उनमें जवाबदेही की भावना पैदा करना है। राजीव खुराना और डॉ. सूर्य कांत द्वारा प्रस्तावित छात्र संकल्प का शुभारंभ इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था। यह संकल्प उन पांच प्रमुख कार्यों को रेखांकित करता है जो छात्र स्वच्छ हवा में योगदान करने के लिए कर सकते हैं, जिसमें स्वच्छ हवा को सर्वोच्च प्राथमिकता बनाना, प्रभावशाली समाधान शुरू करना, दूसरों को शिक्षित करना, सकारात्मक कार्रवाई को बढ़ावा देना और अपने पूरे जीवन में दैनिक कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता शामिल है।

कार्यक्रम का समापन डॉ. कार्मिन उप्पल के समापन भाषण और टेक्नो ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की डीन डॉ. सीमा वाली द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। स्वच्छ हवा पहल के लिए प्रभावशाली कहानियों को मान्यता देने और उनका प्रचार करने के लिए लंग केयर फाउन्डेशन की प्रतिबद्धता को उपस्थित लोगों ने उत्साहपूर्वक समर्थन दिया। ‘लखनऊ फोरम फॉर क्लीन एयर’ लखनऊ में स्वच्छ हवा के लिए एक सहयोगी आंदोलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाकर और ज्ञान साझा करने, कार्य योजना और रचनात्मक कहानी कहने के लिए एक मंच को बढ़ावा देकर, फोरम शहर के निवासियों के लिए एक स्वस्थ भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।