लखनऊ - जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान और स्वयंसेवी संस्था फैमिली हेल्थ इण्डिया, गोदरेज के सहयोग से संचालित एम्बेड परियोजना के अन्तर्गत विश्व मलेरिया दिवस पर पायनियर मॉटेसरी स्कूल सहित जनपद की विभिन्न मलिन बस्तियों में विविध जागरूकता कार्यक्रम में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आजाद नगर की प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. स्वाती गौतम ने बताया कि मलेरिया के लिए जिम्मेदार मादा एनाफिलीज मच्छर के एक अण्डे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरा एक सप्ताह का समय लगता है। उन्होंने सप्ताह में एक बार ड्राई-डे मनाये जाने के लिए हर रविवार मच्छर पर वार एवं लार्वा पर प्रहार के माध्यम से अपनी बाती कहीं, उन्होंने कहा कि यदि किसी जल पात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें जैसे कूलर, गमला टिन का डब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ्रिज के पीछे का डीप फ्रास्ट ट्रे की सफाई सप्ताह में एक बार करते रहना आवश्यक है। उन्होने कहा कि मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है।
स्वास्थ्य केंद्र पर मलेरिया की जांच प्रत्येक दिवस में निःशुल्क उपलब्ध है | उन्होने कहा कि कोई भी बुखार होने पर बिना चिकित्सक के परामर्श के कोई भी दवा न लें एवं तत्काल आशा से सम्पर्क करें या नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर परामर्श ले। सही समय में पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतया स्वस्थ हो जाता है।
मलेरिया का संक्रमण होने पर बुखार, पसीना आना, शरीर मे दर्द और उल्टी आना इस रोग के प्रमुख लक्षण है। इस अवसर पर आयोजित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में प्रथम स्थान पर अक्षत मिश्रा, दितीय स्थान पर अक्षत शर्मा एवं तृतीय स्थान पर उत्कर्ष पाण्डे रहे जिन्हें प्रशस्ति प्रत्र देकर सम्मानित किया गया।
मलेरिया निरीक्षक जितेन्द्र थारू ने बताया कि मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आस-पास दूषित पानी इकट्ठा ना होने देना चाहिए। अपने अपने घर के आस पास साफ-सफाई रखनी चाहिए।
क्षेत्रीय समन्वयक एफ0एच0आई-एम्बेड घर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिवर्ष विश्व में होने वाली कुल मौतों में से 30 से 33 प्रतिशत मौतें सक्रामक रोगों के कारण होती है। जन-सामान्य को जागरूक करने के मकसद से प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरूआत साल 2007 से की गई थी | इस साल विश्व मलेरिया दिवस की थीम ‘अधिक न्यायोचित विश्व के लिए मलेरिया के खिलाफ लडाई में तेजी लाना‘ है।‘ हमारे देश को 2027 तक मलेरिया मुक्त करने का और 2030 तक इसके उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है।
पायनियर मॉटेसरी स्कूल में आयोजित में प्रधानाचार्य प्रीती दीक्षित ने बताया कि विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर मलेरिया रोग की रोक-थाम व इस रोग के संबंध में जागरूकता बढाना सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर मलेरिया पर्यवेक्षक छत्रपाल, शोमित श्रीवास्तव, राम औतार, सुधीर क्षेत्रीय कार्यकर्ता, शिक्षिका जया त्यागी, कामिनी , बी0सी0सी0एफ0 वीरेन्द्र विक्रम सिंह व अन्य उपस्थित रहे।